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06 June 2017

The Right Way To Breathe

सांस लेने का सही तरीका

सांस लेने का सही तरीका


🔴'प्राकृतिक सांस लेने को समझना जरूरी है। देखो छोटे बच्चों को, वे स्वाभाविक रूप से सांस लेते हैं। यही कारण है कि छोटे बच्चे ऊर्जा से भरे हुए होते हैं। माता-पिता थक गए हैं, लेकिन वे थके नहीं हैं।


🔴'कहां से ऊर्जा आती है? यह प्राणमय कोष से आती है। बच्चा स्वाभाविक रूप से सांस लेता है, और निश्चित रूप से अधिक प्राण और अधिक ची ऊर्जा सांस के द्वारा लेता है, और यह उसके पेट में जमा होती है। पेट इकट्ठा करने की जगह है, भंडार है। बच्चे को देखो, वह सांस लेने का सही तरीका है। जब एक बच्चा सांस लेता है, उसकी छाती पूरी तरह से अप्रभावित होती है। उसका पेट ऊपर और नीचे होता है। मानो वह पेट से सांस ले रहा है। सभी बच्चों का पेट निकला होता है, वह उनके पेट से सांस लेने की वजह से है और वह ऊर्जा का भंडार है।

🔴'एक बच्चे को देखें और वही प्राकृतिक सांस है, और उसी तरह सांस लें । जब आप सांस लें तब पेट ऊपर आए और जब आप सांस छोड़ें तब पेट नीचे जाए। और यह एक ऐसी लय हो कि यह आपकी ऊर्जा में लगभग एक गीत बन जाता है, एक नृत्य ताल के साथ, सामंजस्य के साथ--और आप इतने निश्चिंत महसूस करेंगे, इतने जीवंत, जीवन-शक्ति से ओतप्रोत कि आप कल्पना नहीं कर सकते कि ऐसी जीवन-शक्ति हो सकती है।'

🔴'यह सांस लेने का सही तरीका है, ध्यान रहे, अपनी छाती का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं करना है। कभी-कभी यह आपातकालीन समय में किया जा सकता है। आप अपने जीवन को बचाने के लिए दौड़ रहे हैं, तब छाती का उपयोग किया जा सकता है। यह एक आपातकालीन उपाय है। तो आप उथले, तेजी से सांस लेने का उपयोग कर सकते हैं और दौड़ सकते हैं। लेकिन आमतौर पर छाती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। और एक बात याद रखनी जरूरी है कि छाती आपात स्थितियों के लिए ही होती है क्योंकि आपात स्थिति में स्वाभाविक रूप से सांस लेना मुश्किल है; क्योंकि अगर आप स्वाभाविक रूप से सांस लेते हैं तो आप इतने शांत और मौन होते हो कि आप दौड़ नहीं सकते, आप लड़ नहीं सकते। आप इतने शांत और केंद्रित होते हैं--एकदम बुद्ध जैसे। और एक आपात स्थिति में--जैसे घर में आग लगी है--यदि आप स्वाभाविक रूप से सांस लेंगे तो आप कुछ भी बचा नहीं पाएंगे। या जंगल में एक बाघ आप पर कूदता है और आप स्वाभाविक रूप से सांस लेते रहें तो आप फिक्र ही नहीं करेंगे। आप कहेंगे, 'ठीक है, उसे करने दो जो भी वह चाहता है।' आप अपने खुद को बचाने के लिए सक्षम नहीं होंगे।

🔴अगर आप सही सांस लेते हैं तो आपका प्राणमय कोष स्वस्थ, अखंड और प्राणवान रहता है।

🔴'इस तरह का व्यक्ति कभी नहीं थकता। इस तरह का व्यक्ति हमेशा कुछ भी करने के लिए उपलब्ध है। इस तरह का व्यक्ति हमेशा उत्तरदायी, हमेशा क्षण को प्रतिसंवेदित करने के लिए, चुनौती लेने के लिए तैयार है। वह हमेशा तैयार है, आप उसे किसी भी पल के लिए अप्रस्तुत नहीं पाएंगे। ऐसा नहीं है कि वह भविष्य के लिए योजना बनाता है, लेकिन उसके पास इतनी ऊर्जा है कि जो भी होता है उसका प्रतिसंवेदन करने के लिए वह तैयार है। उसके पास छलकती हुई ऊर्जा है।


🔴'तो प्रकृति ने एक आपातकालीन उपकरण दिया है, छाती एक आपातकालीन उपाय है। जब आप पर एक बाघ हमला करता है, तो आपको प्राकृतिक सांस छोड़ देनी होती है और आप को छाती से सांस लेनी होती है। तब दौड़ने के लिए , लड़ने के लिए, ऊर्जा को तेजी से जलाने के लिए आपके पास अधिक क्षमता होगी। और आपात स्थिति में केवल दो ही विकल्प होते हैं: भाग जाना या लड़ाई करना। दोनों के लिए बहुत उथली लेकिन तीव्र ऊर्जा की जरूरत है, उथली लेकिन एक बहुत परेशान, तनावग्रस्त स्थिति।

🔴'अगर आप लगातार सीने से सांस लेते हैं तो, आपके मन में तनाव होगा। अगर आप लगातार सीने से सांस लेते हैं, आप हमेशा भयभीत होंगे क्योंकि सीने से सांस लेना खतरनाक परिस्थितियों के लिए ही होता है। और यदि आपने इसे एक आदत बनाया है तो आप लगातार भयभीत, तनावग्रस्त, हमेशा भागने की तैयारी में होंगे। वहां दुश्मन नहीं है, लेकिन आप दुश्मनों की कल्पना करेंगे। इसी तरह पैरानोया, व्यामोह निर्मित होता है।


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