**************** चमत्कार *******************
छोटी लड़की ने गुल्लक से सब सिक्के निकाले और उनको बटोर कर जेब में रख लिया,
निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की दुकान थी
उसके जीने धीरे धीरे चढ़ गयी |
निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की दुकान थी
उसके जीने धीरे धीरे चढ़ गयी |
वो काउंटर के सामने खड़े होकर बोल रही थी पर छोटी सी लड़की किसी को नज़र नहीं आ रही थी,
ना ही उसकी आवाज़ पर कोई गौर कर रहा था, सब व्यस्त थे |
दुकान मालिक का कोई दोस्त बाहर देश से आया था
वो भी उससे बात करने में व्यस्त था |
ना ही उसकी आवाज़ पर कोई गौर कर रहा था, सब व्यस्त थे |
दुकान मालिक का कोई दोस्त बाहर देश से आया था
वो भी उससे बात करने में व्यस्त था |
तभी उसने जेब से एक सिक्का निकाल कर काउंटर पर फेका सिक्के की आवाज़ से सबका ध्यान उसकी ओर गया,
उसकी तरकीब काम आ गयी |
दुकानदार उसकी ओर आया
और उससे प्यार से पूछा क्या चाहिए बेटा ?
उसकी तरकीब काम आ गयी |
दुकानदार उसकी ओर आया
और उससे प्यार से पूछा क्या चाहिए बेटा ?
उसने जेब से सब सिक्के निकाल कर अपनी छोटी सी हथेली पर रखे
और बोली मुझे “चमत्कार” चाहिए,
और बोली मुझे “चमत्कार” चाहिए,
दुकानदार समझ नहीं पाया उसने फिर से पूछा, वो फिर से बोली मुझे “चमत्कार” चाहिए | दुकानदार हैरान होकर बोला – बेटा यहाँ चमत्कार नहीं मिलता |
वो फिर बोली अगर दवाई मिलती है तो चमत्कार भी आपके यहाँ ही मिलेगा |
वो फिर बोली अगर दवाई मिलती है तो चमत्कार भी आपके यहाँ ही मिलेगा |
दुकानदार बोला – बेटा आप से यह किसने कहा ?
अब उसने विस्तार से बताना शुरु किया –
अब उसने विस्तार से बताना शुरु किया –
अपनी तोतली जबान से – मेरे भैया के सर में टुमर (ट्यूमर) हो गया है, पापा ने मम्मी को बताया है की डॉक्टर 4 लाख रुपये बता रहे थे – अगर समय पर इलाज़ न हुआ तो कोई चमत्कार ही इसे बचा सकता है
और कोई संभावना नहीं है,
वो रोते हुए माँ से कह रहे थे
अपने पास कुछ बेचने को भी नहीं है,
न कोई जमीन जायदाद है न ही गहने – सब इलाज़ में पहले ही खर्च हो गए है,
दवा के पैसे बड़ी मुश्किल से जुटा पा रहा हूँ |
वो रोते हुए माँ से कह रहे थे
अपने पास कुछ बेचने को भी नहीं है,
न कोई जमीन जायदाद है न ही गहने – सब इलाज़ में पहले ही खर्च हो गए है,
दवा के पैसे बड़ी मुश्किल से जुटा पा रहा हूँ |
वो मालिक का दोस्त उसके पास आकर बैठ गया और प्यार से बोला अच्छा !
कितने पैसे लाई हो तुम चमत्कार खरीदने को, उसने अपनी मुट्टी से सब रुपये उसके हाथो में रख दिए,
उसने वो रुपये गिने 21 रुपये 50 पैसे थे |
कितने पैसे लाई हो तुम चमत्कार खरीदने को, उसने अपनी मुट्टी से सब रुपये उसके हाथो में रख दिए,
उसने वो रुपये गिने 21 रुपये 50 पैसे थे |
वो व्यक्ति हँसा और लड़की से बोला तुमने चमत्कार खरीद लिया,
चलो मुझे अपने भाई के पास ले चलो |
वो व्यक्ति जो उस केमिस्ट का दोस्त था अपनी छुट्टी बिताने भारत आया था
और न्यूयार्क का एक प्रसिद्द न्यूरो सर्जन था |
उसने उस बच्चे का इलाज 21 रुपये 50 पैसे में किया और वो बच्चा सही हो गया |
प्रभु ने लडकी को चमत्कार बेच दिया – वो बच्ची बड़ी श्रद्धा से उसको खरीदने चली थी वो उसको मिल भी गयी !
प्रभु ने लडकी को चमत्कार बेच दिया – वो बच्ची बड़ी श्रद्धा से उसको खरीदने चली थी वो उसको मिल भी गयी !
नीयत साफ़ और मक़सद सही हो तो ,किसी न किसी रूप में ईश्वर भी आपकी मदद करता है
( और यही आस्था का चमत्कार है).....#Aalokry
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