ख्वाब इतने सुन्दर होते है
तो हकीकत इतनी बुरी क्यों ?
ज़िन्दगी इतनी खूबसूरत है
तो मौत इतनी बदसूरत क्यों ?
ऐ खुदा इतना बता दे
तू तो निरंकारी है ,
तो संसार अहंकारी है क्यों ?
यहाँ प्यार की डोर है
तो नफ़रत की आंधी है क्यों ?
जीवन मे खुशियां है
तो गम भी है क्यों ?
आखिर क्यों दुनिया इतनी खुदगर्ज है
क्यों है इंसान के कर्म बुरे ?
मेरे रब्बा नदियों मे किनारे है
पर इनका मिलन क्यों नही ?
कस्तियाँ है साहिल है पर
इनका साथ क्यों नहीं ?
मेरे इतने सवाल है आपसे
पर इनका जवाब क्यों नही ??????
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