कब पर्सनल लोन लेना बेवकूफी है?
पर्सनल लोन एक असंरक्षित लोन (unsecured loan) होता है| इसलिए ब्याज दर भी काफी ज्यादा होती है| अब लोन का भुगतान भी आपको ही करना है|
इसलिए हर स्तिथि में पर्सनल लोन लेना अच्छा विकल्प नहीं है| इस पोस्ट में मैं चर्चा करूंगा की कब पर्सनल लोन अच्छा विकल्प है और कब नहीं| साथ की यह भी देखेंगे की कब पर्सनल लोन लेना बेवकूफी होगा| ====== पर्सनल लोन लेना कब एक अच्छा विकल्प हैं? =======
जब आपके पास कोई बहुत ही महंगा लोन चल रहा हो, तो उस लोन को खत्म करने की लिए पर्सनल लोन लेना एक अच्छा विकल्प है| जैसे की आपके क्रेडिट कार्ड पर काफी सारी राशि बकाया है और आपको उस राशि का भुगतान करने में परेशान आ रही है, ऐसी स्तिथि में आप पर्सनल लोन ले सकते हैं|
# क्रेडिट कार्ड पर आपको तकरीबन 40-45% p.a. ब्याज तक देना पड़ सकता है| साथ ही पूरा भुगतान करना पर आपको ब्याज मुक्त क्रेडिट पीरियड भी नहीं मिलता| पर्सनल शायद आपको 12-18% p.a. की लागत पर मिल जाए| साथ ही क्योंकि पर्सनल लोन में EMI होती है, इसको देना थोडा आसान भी हो सकता है| कई बार बैंक भी आपको ऐसा करने का सुझाव देते हैं|
# किसी आपातकाल या अस्पताल के खर्चे के लिए पर्सनल लोन लेना| ऐसी स्तिथि में आप गणित नहीं लगा सकते| यहाँ भी पर्सनल लोन लेना कोई बुरा विकल्प नहीं है| पर हाँ हमेशा एक बात का ध्यान रखें| पर्सनल लोन भी चुकाना भी आपको ही पड़ेगा| ===== कब पर्सनल लोन लेना अच्छा आईडिया नहीं है? =====
# कहीं छुट्टी (vacation) पर जाने के लिए पर्सनल लोन लेना
# नया फ़ोन या गैजेट खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेना
# घर की साज-सजावट (furnishing) के लिए पर्सनल लोन लेना
मेरे अनुसार इस सभी बातों के लिए आपको पहले से प्लान करना चाहिए और लोन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए| साथ ही इसके अलावा और भी बहुत सी बातें है, जिनके लिए पर्सनल लोन लेना कोई अच्छा विकल्प नहीं है| कुछ बातें आपकी ज़रुरत होती है और कुछ इच्छाएं होती हैं| ज़रुरत के लिए लोन लेना समझ में आता है, इच्छायों के लिए नहीं| मेरे अनुसार चिकित्सा की लिए खर्चा आपकी ज़रुरत है, एक नया और महंगा फ़ोन लेना आपकी इच्छा| दोनों में अंतर करना सीखें| आप शायद इन बातों से सहमत न हो| और वैसे भी ज़िन्दगी में मौकों की अहमियत लोगों के लिए अलग हो सकती है| हाँ, बस एक सुझाव हैं, वास्तविकता को पूरी तरह दरकिनार न करें| यार अब जिस स्तिथि पर चर्चा करेंगे, उस स्तिथि में पर्सनल लोन लेना किसी बेवकूफी से कम नहीं है| " मैंने कई बार देखा है की लोगों के पास बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट होता है और इस इसके बावजूद वह लोग पर्सनल लोन लेने की बात करते हैं|" मान लिए आपके पास 50,000 रुपये की एक FD है| किसी वजह से आपको उस समय 50,000 की ज़रुरत भी है| ऐसी स्तिथि में पर्सनल लोन लेने की बजाय FD को तोडना एक बेहत विकल्प होगा| ऐसा इसलिए क्योंकि फिक्स्ड डिपाजिट पर आपको 6-8% p.a. का ब्याज मिलेगा| इस ब्याज पर भी आपको टैक्स देना होगा| इसके विपरीत पर्सनल लोन पर आपको 12-18% p.a. तक का ब्याज देना पड़ सकता है| तो देखें तो आपको 5-7% (टैक्स बे बाद) का ब्याज मिल रहा है और आप 12-18% दे रहे है| हुआ न बेवकूफी| और यह केवल फिक्स्ड डिपाजिट के साथ ही नहीं है| कोई भी ऐसा निवेश जो की बिना किसी पेनल्टी (या कम पेनल्टी) के साथ आसानी से बेचा जा सकता है| हाँ, उस निवेश को बेचने पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है, तो इस बात का भी ध्यान रखें| # कई बार लोग अपना पैसा शेयर बाज़ार में रहने देते हैं और ज़रुरत के लिए पर्सनल लोन लेने की सोचते है| एक बात कभी न भूलें, शेयर बाज़ार में इस बात की कोई गारंटी नहीं है की आपको अच्छे रिटर्न मिलेंगे| पर पर्सनल लोन में एक बात की गारंटी है की आपको काफी ऊंचा ब्याज देना होगा| तो मेरे अनुसार आपको ज़रुरत पड़ने पर अपने शेयर बेच देने चाहिए| मैंने यह भी देखा है की लोग पर्सनल लोन लेकर उस राशि को शेयर बाज़ार में निवेश करने की सोचते हैं| इससे बड़ी बेवकूफी तो हो ही नहीं सकती| साथ ही अगर आपके पास कोई एलाईसी पालिसी है या PPF खाता है, तो वहां से भी आप लोन ले सकते हैं| ब्याज दर अनुमान पर्सनल लोन से कम होगी| मेरी राय:-
पर्सनल लोन की सहायता से आप आसानी से और जल्दी पैसे पा सकते हैं| और कई मामलों में यह काफी लाभकारी भी हो सकता है| परन्तु सोच समझकर इस सुविधा का लाभ उठाएं| लोन का भुगतान भी आपको ही करना है| अपनी वित्तीय वास्तविकता से दूर न रहे| अगर समझदारी से काम नहीं लेंगे, तो बादे में आपको परेशानी हो सकती है|....#AalokDD #Aalokry
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