((((( भगवान की प्लानिंग )))))
==========================
एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है,
भगवान
आप एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे.
.
एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बन
कर
खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर
घूम
आओ.
.
भगवान मान जाते हैं, लेकिन शर्त रखते हैं
कि
जो
भी लोग प्रार्थना करने आयें, तुम बस
उनकी
प्रार्थना सुन लेना. कुछ बोलना नहीं.
.
मैंने उन सभी के लिए प्लानिंग कर रखी है.
सेवक
मान जाता है.
.
सबसे पहले मंदिर में बिजनेस मैन आता है और
कहता है, भगवान मैंने एक नयी फैक्ट्री
डाली
है,
उसे खूब सफल करना.
.
वह माथा टेकता है, तो उसका पर्स नीचे
गिर
जाता
है. वह बिना पर्स लिये ही चला जाता
है.
.
सेवक बेचैन हो जाता है. वह सोचता है
कि रोक
कर
उसे बताये कि पर्स गिर गया, लेकिन शर्त
की
वजह से वह नहीं कह पाता.
.
इसके बाद एक गरीब आदमी आता है और
भगवान
को कहता है कि घर में खाने को कुछ नहीं.
भगवान
मदद कर.
.
तभी उसकी नजर पर्स पर पड़ती है. वह
भगवान
का शुक्रिया अदा करता है और पर्स लेकर
चला
जाता है.
.
अब तीसरा व्यक्ति आता है. वह नाविक
होता
है.
.
वह भगवान से कहता है कि मैं 15 दिनों के
लिए
जहाज लेकर समुद्र की यात्रा पर जा
रहा हूं.
यात्रा में कोई अड़चन न आये भगवान.
.
तभी पीछे से बिजनेस मैन पुलिस के साथ
आता है
और कहता है कि मेरे बाद ये नाविक आया
है.
.
इसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है. पुलिस
नाविक
को ले
जा रही होती है कि सेवक बोल पड़ता
है.
.
अब पुलिस सेवक के कहने पर उस गरीब आदमी
को पकड़ कर जेल में बंद कर देती है.
.
रात को भगवान आते हैं, तो सेवक खुशी
खुशी
पूरा
किस्सा बताता है.
.
भगवान कहते हैं, तुमने किसी का काम
बनाया
नहीं,
बल्कि बिगाड़ा है.
.
वह व्यापारी गलत धंधे करता है. अगर
उसका
पर्स
गिर भी गया, तो उसे फर्क नहीं पड़ता
था.
.
इससे उसके पाप ही कम होते, क्योंकि वह
पर्स
गरीब इंसान को मिला था. पर्स
मिलने पर
उसके
बच्चे भूखों नहीं मरते.
.
रही बात नाविक की, तो वह जिस
यात्रा पर
जा रहा
था, वहां तूफान आनेवाला था.
.
अगर वह जेल में रहता, तो जान बच जाती.
उसकी
पत्नी विधवा होने से बच जाती. तुमने
सब
गड़बड़
कर दी.
.
कई बार हमारी लाइफ में भी ऐसी
प्रॉब्लम
आती है,
जब हमें लगता है कि ये मेरा साथ ही
क्यों हुआ.
.
लेकिन इसके पीछे भगवान की प्लानिंग
होती
है.
.
जब भी कोई प्रॉब्लमन आये. उदास मत
होना.
.
इस कहानी को याद करना और सोचना
कि जो
भी
होता है, अच्छे के लिए होता है..........@
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एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है,
भगवान
आप एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे.
.
एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बन
कर
खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर
घूम
आओ.
.
भगवान मान जाते हैं, लेकिन शर्त रखते हैं
कि
जो
भी लोग प्रार्थना करने आयें, तुम बस
उनकी
प्रार्थना सुन लेना. कुछ बोलना नहीं.
.
मैंने उन सभी के लिए प्लानिंग कर रखी है.
सेवक
मान जाता है.
.
सबसे पहले मंदिर में बिजनेस मैन आता है और
कहता है, भगवान मैंने एक नयी फैक्ट्री
डाली
है,
उसे खूब सफल करना.
.
वह माथा टेकता है, तो उसका पर्स नीचे
गिर
जाता
है. वह बिना पर्स लिये ही चला जाता
है.
.
सेवक बेचैन हो जाता है. वह सोचता है
कि रोक
कर
उसे बताये कि पर्स गिर गया, लेकिन शर्त
की
वजह से वह नहीं कह पाता.
.
इसके बाद एक गरीब आदमी आता है और
भगवान
को कहता है कि घर में खाने को कुछ नहीं.
भगवान
मदद कर.
.
तभी उसकी नजर पर्स पर पड़ती है. वह
भगवान
का शुक्रिया अदा करता है और पर्स लेकर
चला
जाता है.
.
अब तीसरा व्यक्ति आता है. वह नाविक
होता
है.
.
वह भगवान से कहता है कि मैं 15 दिनों के
लिए
जहाज लेकर समुद्र की यात्रा पर जा
रहा हूं.
यात्रा में कोई अड़चन न आये भगवान.
.
तभी पीछे से बिजनेस मैन पुलिस के साथ
आता है
और कहता है कि मेरे बाद ये नाविक आया
है.
.
इसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है. पुलिस
नाविक
को ले
जा रही होती है कि सेवक बोल पड़ता
है.
.
अब पुलिस सेवक के कहने पर उस गरीब आदमी
को पकड़ कर जेल में बंद कर देती है.
.
रात को भगवान आते हैं, तो सेवक खुशी
खुशी
पूरा
किस्सा बताता है.
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भगवान कहते हैं, तुमने किसी का काम
बनाया
नहीं,
बल्कि बिगाड़ा है.
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वह व्यापारी गलत धंधे करता है. अगर
उसका
पर्स
गिर भी गया, तो उसे फर्क नहीं पड़ता
था.
.
इससे उसके पाप ही कम होते, क्योंकि वह
पर्स
गरीब इंसान को मिला था. पर्स
मिलने पर
उसके
बच्चे भूखों नहीं मरते.
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रही बात नाविक की, तो वह जिस
यात्रा पर
जा रहा
था, वहां तूफान आनेवाला था.
.
अगर वह जेल में रहता, तो जान बच जाती.
उसकी
पत्नी विधवा होने से बच जाती. तुमने
सब
गड़बड़
कर दी.
.
कई बार हमारी लाइफ में भी ऐसी
प्रॉब्लम
आती है,
जब हमें लगता है कि ये मेरा साथ ही
क्यों हुआ.
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लेकिन इसके पीछे भगवान की प्लानिंग
होती
है.
.
जब भी कोई प्रॉब्लमन आये. उदास मत
होना.
.
इस कहानी को याद करना और सोचना
कि जो
भी
होता है, अच्छे के लिए होता है..........@
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