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कल जब मैं मर जाऊँगा (#Aalokry)

कल जब मैं मर जाऊँगा। तब तुम मेरे लिए आंसू बहाआगे  पर मुझे पता नही चलेगा तो  उसके बजाय  आज तुम मेरी इम्पॉर्टन्टस को महसूस क...

08 November 2013

वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो


वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो 



Law of Attraction in Hindi
Thoughts become reality…
इंसानी दिमाग हर वक़्त सोचता रहता है …इसे control करना बहुत मुश्किल होता है …शायद इसीलिए हमारे ऋषि -मुनियों ने ध्यान लगाने की विधि बनायीं होगी ताकि हम सोच की infinite power को खुद नियंत्रित कर सकें .
पर हम उस तरह ध्यान नहीं लगा सकते … तो फिर हम क्या कर सकते हैं ?
मैं क्या करता हूँ वो आपको बताता हूँ . पहली बात , मुझे जो चाहिए मैं उसे अच्छी तरह से imagine करता हूँ … छोटी -छोटी details तक . ये कुछ भी हो सकता है ,  growth ( जो मैंने ये तरीका  follow करते हुए पायी है ), अच्छी relationships, या financial abundance.
अब ये thought लगातार बनी रहे इसलिए मैं इसे दिन भर में कई बार अपने मन में दोहराता हूँ …उससे related visual images इमेजिन करता हूँ …अच्छा feel करने की कोशिश करता हूँ …ऐसा नही कि मैं दिन भर यही करते रहता हूँ …ये randomly होता है , कभी भी …office जाते वक़्त , lunch करते हुए …या किसी और time, पर मैं दिन में कई बार मुझे जो चाहिए उस बारे में सोचता हूँ .पर इसका ये मतलब  नहीं है कि मुझे जो नहीं चाहिए वो विचार मेरे अंदर आते ही नहीं …कई बार आते हैं …लेकिन जैसे ही मैं conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मुझे चाहिए तो मैं उसे वहीँ छोड़ उसका उल्टा सोचने लगता हूँ .
और ऐसा मैं हर तरह की thoughts के साथ करता हूँ . Primarily मुझे जो चाहिए वो दो -तीन चीजें ही हैं लेकिन उनके अलावा भी मैं कोशिश करता हूँ कि हर एक condition में मैं वही सोचूं जो मैं चाहता हूँ … for ex. अगर कहीं पहुँचने में देर हो रही होती है तो दिमाग में आता है कि कहीं traffic जाम ना मिले , जिससे मिलना है वो चला ना जाए …etc….पर जैसे ही  मैं conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मैं चाहता हूँ तो मैं ठीक उल्टा सोचना शुरू करता हूँ … traffic बिल्कुल smooth है…हर कोई मुझे रास्ता दे रहा है …और जिससे मिलना है वो मुझे ख़ुशी के साथ welcome कर रहा है ….
Of course, ज़रूरी नहीं है कि ऐसा हो ….पर  ऐसा करने से आप एक बहुत अच्छी आदत develop कर पाते हैं …. वो सोचना जो आप चाहते हैं ……वो नहीं जो आप नहीं चाहते हैं .
Well, ये conscious हो कर सोचने वाली प्रक्रिया बहुत powerful है पर foolproof नहीं है …क्योंकि हो सकता है आप बुरे विचारों में इतने उलझे हों कि ध्यान ही न जाये कि जो चाहते हैं वो सोचें . इसलिए मैं तीन ऐसी चीजें करता हूँ जो काम कर जाएं .
पहला है- अपनी Success Diary लिखना …again , इसके बारे में मैं बता चुका हूँ , so I won’t repeat. In short…आप जो चाहते हैं उसे रोज या week मैं 3-4 बार ज़रूर लिखें .
दूसरा , दिन में दो -तीन बार ऐसा मौका मिलता है जब आप निश्चित रूप से अकेले होते हैं …fresh होते वक़्त , नहाते हुए …या office जाते समय . आप इन situations को अपनी life priorities के बारे में सोचने के लिए dedicate कर सकते हैं .
For ex : जब मैं fresh हो रहा होता हूँ तो मैं अपने financial abundance के बारे में सोचता हूँ . Scooty से office जाते वक़्त मैं भगवान् को वो सब कुछ जो उन्होंने दिया है उसके लिए thanks करता हूँ …. हाँ , मैं कई बार इसमें चूक भी जाता हूँ …पर धीरे -धीरे ये मेरी आदत बन रही है …और मैं अपनी life में changes भी महसूस कर रहा हूँ . Friends, अपनी thoughts को किसी physical activity से जोड़ना सुनिश्चित करता है कि at least उस वक़्त आप वो सोच पाते हैं जो आपको सोचना चाहिए .
तीसरा , Vision Folder देखना . Vision folder दरअसल कुछ ऐसी images का collection है जिसे मैं अपनी life में चाहता हूँ …for ex: my dream SUV, money, my home office, etc.
इस folder को मैं अपने desktop पर save करके रखता हूँ और जब इसपर ध्यान जाता है तो थोड़ी देर खोल कर देख लेता हूँ . जैसा कि मैं पिछली post में कह चुका हूँ , हम images के through सोचते हैं , इसलिए vision folder बनाना अपनी मन चाही चीज पाने का एक powerful तरीका है , आप इसे ज़रूर try करें .
चलिए , अब हम कुछ common thoughts देखते हैं और ये भी देखते हैं कि उनकी जगह हमें क्या सोचना चाहिए —
नहीं चाहते
चाहते हैं
Teacher / Boss गुस्सा करेगा .Teacher / Boss गुस्सा नहीं करेगा —- ये भी गलत thought है …इसमें “गुस्से ” की image बनती है …. “Teacher/Boss आज मेरी प्रशंशा करेगा .” सही विचार है।
मैं रोज late हो जाता हूँ.मैं अब time से पहुँचने लगा हूँ .
मुझे पैसों की तंगी रहती है . मेरे पास बहुत पैसा है .
कहीं मैं fail न हो जाऊं ? मेरे अच्छे marks आयेंगे .
Xyz मुझे नहीं चाहता /चाहती. Xyz  मुझे बहुत चाहता /चाहती है .
मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती। मैं बिलकुल fit रहता हूँ।
मुझे लोग पसंद नहीं करते . मैं सबका favourite हूँ .
मुझे हमेश बुरे लोग मिलते हैं।मुझे हमेशा अच्छे लोग मिलते हैं .
Friends, अंत में एक बात और …. ब्रह्माण्ड बहुत बड़ा है …जब आप order करते हैं तो दूर कहीं उन चीजों का निर्माण शुरू होता है…छोटी चीजें जल्दी बन जाती हैं … बड़ी चीजें बनने में थोडा वक़्त लगता है …जब कोई चीज बन जाती है तो उसे आपको deliver करने के लिए भेजा जाता है ,पर अगर बीच में ही आप अपना order cancel कर देते हैं तो वो चीज वापस चली जाती है …. ये कोई बुरी बात नहीं है , इसका फायदा ये है कि आप अपने बुरे orders cancel कर सकते हैं और अपनी choice के fresh orders दे सकते हैं . पर अगर आप already अच्छे orders दे चुके हैं तो उन्हें बुरे orders से replace मत करिये …अपने order पर टिके रहिये …उस पर अपना belief बनाये रखिये , अगर आप ये सोचेंगे कि पता नहीं आर्डर आएगा कि नहीं तो अनजाने में आप एक नया “ना आने का ऑडर्र दे देंगे ” इसलिए अपनी belief बनाये रखिये और यकीन जानिये आपकी delivery भी एक दिन आप तक पहुँच जायेगी …यही नियम है !

29 October 2013

shiv ji image

om namah shivay


मनुष्य पाप तो अपनी मर्जी से करता है परंतु दंड दूसरे की मर्जी से भोगना पड़ता है

एक शहर में चार साधु आए। एक साधु शहर के चौराहे पर जाकर बैठ गया,
दूसरा घंटाघर में, तीसरा कचहरी में और चौथा साधु शमशान में जाकर बैठ गया।
चौराहे पर बैठे साधु से लोगों ने पूछा, बाबाजी आप यहां आकर क्यों बैठे हो? क्या कोई अच्छी जगह नहीं मिली? 

साधु ने कहां यहां चारों दिशा से लोग आते है और चारों दिशाओं मे जाते हैं। किसी आदमी को रोको तो वह कहता है कि रुकने का समय नहीं हैं, जरुरी काम पर जाना है। अब यह पता नहीं लगता कि जरुरी काम किस दिशा में है इसलिए यह जगह बढिय़ा दिखती है।

घंटाघर पर बैठे साधु से लोगों ने पूछा बाबा। यहां क्यों बैठे हो?
साधु ने कहा घड़ी की सुइयां दिनभर घूमती है परंतु बारह बजते ही हाथ जोड़ देती है कि बस हमारे पास इतना ही समय है, अधिक कहां से लाएं? घंटा बजता है तो वह बताता है कि तुम्हारी उम्र में से एक घंटा और कम हो गया। जीवन का समय सीमित है। हमें यह जगह बढिय़ा दिखती है।

कचहरी के बाहर बैठे साधु से लोगों ने पूछा बाबा आप यहां क्यों बैठे हो? साधु ने कहा यहां दिन भर अपराधी आते हैं। मनुष्य पाप तो अपनी मर्जी से करता है परंतु
दंड दूसरे की मर्जी से भोगना पड़ता है।
अगर वह पाप करे ही नहीं तो दंड क्यों भोगना पड़े? इसलिए हमें यह जगह बढिय़ा दिखती है।

शमशान में बैठे साधु से लोगों ने पूछा बाबाजी आप यहां क्यों बैठे हो? साधु ने कहां शहर में कोई भी आदमी हमेशा नहीं रहता। सबको एक दिन यहां आकर
उसकी यात्रा समाप्त हो जाती हैं। कोई भी आदमी यहां आने से बच नहीं सकता।

हमें जीवन रहते-रहते ही इसे जी लेना चाहिये। जिससे फिर संसार में आकर दुख
ना झेलना पड़े इसलिए यह जगह मुझे बैठने के लिए सबसे बढिया दिखती हैं।

joke

ट्रेफिक पुलिस वाले ने एक बाइक सवार लड़के को सिग्नल तोड़ते हुए पकड़ लिया.

पुलिस वाला (चालान बुक निकालते हुए ) – चल नाम बोल …

लड़का – गलती हो गई सर …. !

पुलिस वाला – नाम बोल ….

लड़का – माफ कर दो सर … दोबारा ऐसा नहीं करूँगा ….

पुलिस वाला – नाम बोल ….

लड़का – प्लीज सर … इस बार जाने दो … आगे से ध्यान रखूंगा …

पुलिस वाला – नाम बोल …

लड़का – आदिमूलन करिकालन त्रिकुलावात्ती वेंकटेश्वर स्वामी ….

पुलिस वाला (चालान बुक बंद करते हुए ) – चल अभी निकल …. आगे से रेड लाइट का ध्यान रखना !!!   :}

23 October 2013

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!


कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!


मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!


मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!


यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!


समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!


मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!


भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!


अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!

जब सकारात्मक ऊर्जा कम होती है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है

  • जब सकारात्मक ऊर्जा कम होती है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है तो बात बिगडना शुरू हो जाती है, और जब बात बिगड़ती है तो मनुष्य और ज्यादा शिकायत करता है, रोता है, बिलखता है और दुखी होता है जिससे मुश्किल भी और ज्यादा बढ़ जाती है।
    मेरा बाबा कहता है कि अगर कोई बात बिगड़ भी जाय तो रोना नहीं, दुखी नहीं होना बल्कि तुरंत उस शिवा को सुमिरना शुरू कर देना जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाएगी और देखना बात बननी शुरू हो जाएगी।
    नम: शिवाय 
  • अगर किसी के संचित कर्म पवित्र और शुद्ध है तो उसकी दृष्टि भी उतनी ही पवित्र होगी, उसके आसपास का वातावरण भी आनन्द से भरा होगा।

    और जिस मनुष्य के संचित कर्म भारी होंगे तो उसको हर चीज़ बुरी दिखाई देगी, और उसके जीवन में अचानक कष्ट आते रहते है जो जीवन को असहाय बना देते हैं।।

    आपकी सोच और विचारों के वार्तालाप को प्रकृति एक भौतिक रूप देती है। परन्तु आपके संचित कर्म आपकी बुद्धि को पकडते हैं जिसके अनुरूप आप सकारात्मक एवं नकारात्मक सोचते हैं।

    सिर्फ साधना एवं निस्वार्थ सेवा पिछले बुरे कर्मों को निष्क्रिय करती है और शुभ कर्म पैदा कर सकती है।

    नम: शिवाय
  • जब प्राण शक्ति कमजोर होती है तो मन अशान्त, चिडचिडा, और क्रोधी हो जाता है। और मनुष्य निस्तेज हो जाता है।

    और जब प्राण शक्ति का प्रवाह उत्तम हो जाता है तब मनुष्य एकदम आनंदित और तेजोमय हो जाता है।

    प्राण शक्ति के उत्तम प्रवाह के लिये शिव साधना सव्रोत्तम है।

    नम: शिवाय
  • आप एक किरायेदार हो। आपका शरीर किराये का मकान है, इस मकान का असली मालिक काल है। एक दिन इस मकान का मालिक बिना सूचना के आएगा और आपको इससे बाहर निकाल देगा, और आप खड़े खड़े देखते रह जाओगे। तो क्यों ना इससे पहले ही इस मकान में रहकर निष्काम सेवा और साधना करके सांसारिक एवं आध्यात्मिक सफलता प्राप्त करली जाय। इसके साथ साथ शिव शिवा का श्रवण, संकीर्तन और मनन करलो तो इस आवागमन से मुक्ति मिल जाए।
    नम: शिवाय
  • किसी के बारे में एक बार भी बुरा चाहना, आपके हजारों पुण्यों को श्रनभर में समाप्त कर देता है जो पतन का कारण बनता है।

    और सभी के बारे में अच्छा, शुभ चाहने मात्र से भी पुण्य जागृत होते है जिनसे भाग्योदय होता है। जो भौतिक एवं आध्यात्मिक सुख देता है।
    नम: शिवाय
  • अपने परिवार में किसी को दुखी नहीं करना,
    अपने परिवार में किसी की आलोचना नहीं करना,
    अपने परिवार में किसी को कष्ट नहीं देना।
    आपका परिवार एक आत्म समूह है, इस शरीर को धारण करने से पहले आत्मा विचार करती है कि पिछले जन्मों में जो बिना सुलझे मसले रह गए हैं वह इस जन्म में आपके साथ रहकर सुलझाने हैं।
    इसीलिए परिवार के सभी सदस्यों को प्रेम देना, और उनको स्वीकार करना, ऐसा करने से बहुत तेजी से आध्यात्मिक उन्नति होती है
    नम: शिवाय
  • मैं जिसके बारे में सोचूंगा या जिसका नाम लूंगा, तुरंत मेरा मन उससे जुड जायेगा, और हम दोनों की ऊर्जा के बीच में एक पुल बन जायेगा, फिर उसकी ऊर्जा मेरी तरफ आयेगी और मेरी ऊर्जा उसकी तरफ जायेगी। कुछ समय के बाद हम दोनों की ऊर्जा बराबर हो जायेगी। 
    इसीलिए हमेशा दिव्य पुरुष (गुरु) के बारे में ही सोचना तो एक दिन आप और वह दिव्य पुरुष एक (अद्वैत) हो जाओगे।
    क्या आप ने कभी अपने आपको देखा कि आप किस (अच्छा या बुरा) के बारे में सोचते हैं।
    नम: शिवाय