विभीषण रावण के राज्य में रहने वाला एक ऐसा व्यक्ति था जिसके सहयोग के बिना श्रीराम को सीता नहीं मिलतीं, जिनके सहयोग के बिना लक्ष्मण जीवित नहीं बचते, जिसके सहयोग के बिना रावण के राज्य की गोपनीय बातें हनुमान-श्रीराम को पता नहीं लगतीं।
एक लाइन में कहें तो ‘श्रीराम का आदर्श भक्त’… इतना कुछ होते हुए भी आज उस घटना के हजारों सालों के बाद भी किसी पिता ने अपने बेटे का नाम "विभीषण "नहीं रखा। जानते हैं क्यों?
अगर राष्ट्रभक्ति नहीं की तो कभी माफ नहीं किए जाएंगे।
एक लाइन में कहें तो ‘श्रीराम का आदर्श भक्त’… इतना कुछ होते हुए भी आज उस घटना के हजारों सालों के बाद भी किसी पिता ने अपने बेटे का नाम "विभीषण "नहीं रखा। जानते हैं क्यों?
अगर राष्ट्रभक्ति नहीं की तो कभी माफ नहीं किए जाएंगे।
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