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कल जब मैं मर जाऊँगा (#Aalokry)

कल जब मैं मर जाऊँगा। तब तुम मेरे लिए आंसू बहाआगे  पर मुझे पता नही चलेगा तो  उसके बजाय  आज तुम मेरी इम्पॉर्टन्टस को महसूस क...

25 May 2017

Parents are The Power

दोस्तों ,
जब हवा में उड़ते हुए दिवाली के रॉकेट को हम देखते हैं तो सभी यही बोलते हैं कि
वह देखो रॉकेट कितना ऊपर उड़ गया। पर सच तो यह होता है कि
रॉकेट को ऊपर उसमे भरा हुआ बारूद लेकर गया था।
रॉकेट को जो शक्ति मिल रही थी उसका असली कारण वह बारुद था
और बारूद को जो शक्ति मिल रही थी उसका कारण वह माचिस की आग थी ।

दोनों ने मिलकर इसे कुछ यूं कहूं कि दोनों ने खुद को जलाकर
रॉकेट को ऊंचाइयों पर पहुंचा आया था।
ठीक ऐसे ही असल जिंदगी में मां-बाप ,अपने आप को जलाकर (तप द्वारा)
अपने बच्चों को ऊंचाइयों पर भेजते हैं।
मां वहीं बारूद की भूमिका निभाती है तथा पिता आग की
भूमिका निभाते हैं तब जाकर बच्चा सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचता है।
मैं यहां पर उन बच्चों को विशेष ध्यान देने को कहूंगा जो
अपने माता-पिता के अहसानो को नहीं मानते.....
वे अगर ध्यान दें तो पाएंगे, कि जिस वक्त भी वह बारुद और आग खत्म होगा
रॉकेट ठीक उसी वक्त से नीचे की तरफ गिरना शुरू हो जाएगा।
अब वो ऊंचाइयों पर नहीं जा पाएगा क्योंकि अब उसने अपनी शक्ति खो दी है।
ठीक इसी प्रकार जो भी व्यक्ति अपने मां-बाप की अवहेलना करता है
वह जीवन में कभी भी सफलता की ऊंचाइयों पर नहीं पहुंच सकता ।
मैं ईश्वर का फिर से धन्यवाद करता हूं मुझे
इतने प्यारे मम्मी पापा देने के लिए...... थैंक्यू शिव जी......
आलोक रंजन यादव.....
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19 May 2017

Thank u God.....

अजीब रिश्ता हैं मेरा ऊपर वाले के साथ
जब भी मुसीबत आती हैं
न जाने किस रूप मे आता हैं
हाथ पकड़ कर पार लगा देता हैं
मैं उसके सामने सर झुकाता हूँ
वो सबके के सामने मेरा सर उठाता हैं.....#Aalokry
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28 March 2017

कल जब मैं मर जाऊँगा (#Aalokry)




कल जब मैं मर जाऊँगा।
तब तुम मेरे लिए आंसू बहाआगे 
पर मुझे पता नही चलेगा तो 
उसके बजाय 
आज तुम मेरी इम्पॉर्टन्टस को महसूस करो ना.....

कल तुम मेरे लिए फूल चढ़ाओगे ।
पर मैं तो नही देखूंगा तो 
उसके बजाय 
मुझे आज फूल दो ना।।

कल तुम मेरी तारीफ़ में लफ्ज़ बोलोगे ।
पर मैं तो नही सुन पाऊँगा 
तो उसके बजाय 
आज तारीफ़ के लफ्ज़ बोलो ना ।।

कल तुम मेरी गलतियां भूल जाओगे ।
पर मुझे नही पता चलेगी
तो उसके बजाय 
आज मेरी गलतियां भूल जाओ ना ।।

मेरे बाद तुम मेरे लिए तड़पोगे ।
पर मैं नही महसूस करूँगा 
तो उसके बजाय 
आज मेरे लिए तड़पो ना।।

कल तुम तमन्ना करोगे की। 
काश मेरे साथ और वख्त बिता पाते तो 
उसके उसके बजाय 

10 March 2017

कौन कहता हैं साहब,, की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही

*_।।कौन कहता हैं साहब,, की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही।।_*
। बस एक चोट की दरकार हैं।।_*
।।अगर ऊँगली पे लगी,, तो सिग्नेचर बदल जाएगा।।_*
।।और दिल पे लगी,, तो नेचर बदल जाएगा।।_*


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22 February 2017

Benefits of Shree Yantra

श्री यन्त्र की महिमा

श्री यन्त्र की महिमा 


श्री यन्त्र को यंत्र शिरोमणि श्रीयंत्र, श्रीचक्र व त्रैलोक्यमोहन चक्र भी कहते हैं। धन त्रयोदशी और दीपावली को यंत्रराज श्रीयंत्र की पूजा का अति विशिष्ट महत्व है ।
 श्री यंत्र या श्री चक्र सारे जगत को वैदिक सनातन धर्म, अध्यात्म की एक अनुपम और सर्वश्रेष्ठ देन है। इसकी उपासना से जीवन के हर स्तर पर लाभ का अर्जन किया जा सकता है, इसके नव आवरण पूजन के मंत्रों से यही तथ्य उजागर होता है।

मूल रूप में श्रीयन्त्र नौ यन्त्रों से मिलकर एक बना है , इन नौ यन्त्रों को ही हम श्रीयन्त्र के नव आवरण के रूप में जानते हैं, श्री चक्र के नव आवरण निम्नलिखित हैं:-

1:- त्रैलोक्य मोहन चक्र- तीनों लोकों को मोहित करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
2:- सर्वाशापूरक चक्र- सभी आशाओं, कामनाओं की पूर्ति करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
3:- सर्व संक्षोभण चक्र- अखिल विश्व को संक्षोभित करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
4:- सर्व सौभाग्यदायक चक्र- सौभाग्य की प्राप्ति,वृद्धि करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
5:- सर्वार्थ सिद्धिप्रद चक्र- सभी प्रकार की अर्थाभिलाषाओं की पूर्ति करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
6:- सर्वरक्षाकर चक्र- सभी प्रकार की बाधाओं से रक्षा करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
7:- सर्वरोगहर चक्र- सभी व्याधियों, रोगों से रक्षा करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
8:- सर्वसिद्धिप्रद चक्र- सभी सिद्धियों की प्राप्ति करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।
9:- सर्व आनंदमय चक्र- परमानंद या मोक्ष की प्राप्ति करने की क्षमता से परिपूर्ण चक्र है ।

इसके अतिरिक्त श्रीयन्त्र का एक रहस्य ओर है कि श्रीयन्त्र वेदों, कौलाचार व अगमशास्त्रों में उल्लेखित स्वयंसिद्ध भैरवी चक्र या संहार चक्र का ही विस्तृत स्वरूप है , श्रीयन्त्र के क्रमशः 7,8 व 9 वें (बिंदु, त्रिकोण और अष्टकोण) चक्र ही संयुक्त होकर मूल स्वयंसिद्ध भैरवी चक्र है , व बाहर के अन्य 1 से 6 तक के चक्र उसका सृष्टि व   स्थिति क्रम में विस्तार मात्र है, इसीलिए श्रीचक्र या श्रीयन्त्र का समयाचार, दक्षिणाचार, व कौलाचार सहित अन्य सभी पद्धतियों से पूजन अर्चन किया जाता है !

श्रीयंत्र के ये नवचक्र सृष्टि, स्थिति और संहार चक्र के द्योतक हैं । अष्टदल, षोडशदल और भूपुर इन तीन चक्रों को सृष्टि चक्र कहते हैं। अंतर्दशार, बहिर्दशार और चतुर्दशार स्थिति चक्र कहलाते हैं। बिंदु, त्रिकोण और अष्टकोण को संहार चक्र कहते हैं। 
श्री श्री ललिता महात्रिपुर सुंदरी श्री लक्ष्मी जी के यंत्रराज श्रीयंत्र के पिंडात्मक और ब्रह्मांडात्मक होने की बात को जो साधक जानता है वह योगीन्द्र होता है । श्रीयंत्र ब्रह्मांड सदृश्य एक अद्भुत यंत्र है जो मानव शरीर स्थित समस्त शक्ति चक्रों का भी यंत्र है। श्रीयंत्र सर्वशक्तिमान होता है। इसकी रचना दैवीय है। अखिल ब्रह्मांड की रचना का यंत्र होने से इसमें संपूर्ण शक्तियां और सिद्धियां विराजमान रहती हैं। स्व शरीर को एवं अखिल ब्रह्मांड को श्रीयंत्र स्वरूप जानना बड़े भारी तप का फल है। इन तीनों की एकता की भावना से शिवत्व की प्राप्ति होती है तथा साधक अपने मूल आत्मस्वरूप को प्राप्त कर लेता है ।
श्री यंत्र का आध्यात्मिक स्वरूप पूर्ण विधान से श्री यंत्र का पूजन जो एक बार भी कर ले, वह दिव्य देहधारी हो जाता है। दत्तात्रेय ऋषि एवं दुर्वासा ऋषि ने भी श्री यंत्र को मोक्षदाता माना है। इसका मुख्य कारण यह है कि मनुष्य शरीर की भांति, श्री यंत्र में भी 9 चक्र होते हैं। 

* पहला चक्र मनुष्य शरीर में मूलाधार चक्र होता है। शरीर में यह रीढ़ की हड्डी के सबसे नीचे के भाग में, गुदा और लिंग के मध्य में है। श्री यंत्र में यह अष्ट दल होता है। यह रक्त वर्ण पृथ्वी तत्व का द्योतक है। इसके देव ब्रह्मा हैं 

*
दुसरा चक्र  स्वाधिष्ठान चक्र  यह लिंग स्थान के सामने है।  श्री यंत्र में इसकी स्थिति चतुर्दशार चक्र में बनी होती है। यह जल तत्व का द्योतक है। इसके देव विष्णु भगवान हैं। 

* तीसरा चक्र मणीपुर चक्र यह नाभी के पीछे मेरु दंड के अंदर होता है। यह दश दल का होता है। श्री यंत्र में यह त्रिकोण है और अग्नि तत्व का द्योतक होता है। यंत्र के देव बुद्ध रुद्र माने गये हैं।

* चौथा चक्रअनाहत चक्र होता है। मनुष्य शरीर में यह हृदय के सामने होता है। यह द्वादश दल का है। श्री यंत्र में यह अंतर्दशार चक्र कहा जाता है। यह वायु तत्व का द्योतक माना जाता है। इसके देव ईशान रुद्र माने गये हैं। 

* पांचवां चक्र विशुद्ध चक्र होता है। मनुष्य शरीर में यह कंठ में होता है। यह 16 दल का है। श्री यंत्र में यह अष्टकोण होता है। यह आकाश तत्व का द्योतक माना गया है। इसके देव भगवान शिव माने जाते हैं। 

* छठा चक्र आज्ञा चक्र होताहै। मनुष्य शरीर में यह मेरुदंड  लँबिका स्थान ( दोनो भौओ के मध्य ) में माना गया है। यह 2 दलों का है। श्री यंत्र में इसकी स्थिति त्रिकोण मे मानी जाती है। 

* सातवां चक्र सहस्रार चक्र  इंद्र योनि,जो शरीर में मेरुदण्ड के  ब्रहम नाडी मे माना गया है और श्री यंत्र में इसकी स्रिथति बिन्दु रूप में मानी जाती है। 

* आठवा कुल  और नवम अकुल चक्र माना जाता है। श्री यंत्र में यह भू पुर के रूप में अंकित होता है।
 श्रीर  यंत्र के पूजन और उसे जागृत करते समय दश मुद्राएं होती हैं। इनमें संक्षोभिणी मुद्रा, द्रावणी मुद्रा, आकर्षिणी मुद्रा, वश्य उन्माद मुद्रा, महाङ्गशा मुद्रा, खेचरी मुद्रा, बीज मुद्रा, योनि मुद्रा, त्रिखंडा मुद्रा हैं। 

मुद्राओं के प्रयोग का एक कारण यह है कि मुद्राओं से सभी नाड़ियों में प्राण का सहज गति से प्रवेश, वीर्य की स्थिरता, कषायों और पातकों का नाश, सर्वरोगों का उपशमन्, जठराग्नि की वृद्धि, शरीर की निर्मल कांति, जरा का नाश,पंच तत्वों पर विजय एवं नाना प्रकार की योग सिद्धियों की प्राप्ति इनका मुख्य कार्य माना गया है। कुंडलिनी शक्ति का उद्बोधन, मुद्राभ्यास से ब्रह्म द्वार, या सुषुम्ना मुख से निद्रिता कुल कुंडलिनी जागृत हो कर ऊपर की ओर उठाने का कार्य मुद्राओं से होता है। इसी कारण श्री यंत्र को जागृतकरने में खेचरी मुद्रा को शामिल किया गया है। 
 दत्त ऋषि ने जमदाग्नि पुत्र परसराम जी से कहा कि यंत्र के पूजन से लाख गुणा फल अधिक होता है। इसी कारण यंत्रों को विशेष स्थान प्राप्त है। साथ ही श्री विद्या को दस महाविद्याओं में सर्वश्रेष्ठ, केवल मोक्ष प्रदान करने के कारण ही, माना गया है। इसी कारण श्री यंत्र को यंत्रराज की उपाधि दी गयी है। इस विद्या को अति गोपनीय रखा गया है और बिना पात्रता के श्री विद्या की दीक्षा नहीं दी जाती है। यही कारण है कि श्री यंत्र को जागृत करने वाले विद्वान बहुत ही कम हैं। यदि आम जन श्री यंत्र विद्या के साधक को साधक के रूप में पहचान लें, तो वह समय उसकी मृत्यु का माना जाता है, क्योंकि आम जन के जानने से उसे यश प्राप्त होता है, जो मोक्ष और सिद्धि में बाधक है। 
श्री यंत्र में ऊध्र्वमुखी 5 त्रिकोण, 5 प्राण, 5 ज्ञानेंद्रियां, 5 तन्मात्रा और 5 माया भूतों के प्रतीक हैं। मनुष्य शरीर में येअस्थि, मेदा, मांस, अवृक और त्वक् के रूप में विद्यमान हैं। 4 त्रिकोण शरीर में प्राण, शुक्र, मज्जा, जीने के द्योतक हैं और ब्रह्मांड में मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार के प्रतीक हैं। श्री यंत्र में त्रिकोण, अष्ट कोण, अंतर्दशार, बहिर्दशार और चतुरस्व, ये 5 शक्ति चक्र होते हैं और बिंदु, अष्ट दल, षोडश दल और चतुरस्त्र, ये 4 शिव चक्र होते हैं। श्री यंत्र में कुल 43 त्रिकोण होते हैं। ये त्रिकोणों के मंथन और योग से बने षट्कोण यंत्र हैं।
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Namah Shivay

20 February 2017

दोस्ती

सीख कर गया है वो दोस्ती मुझसे.... 
अब जिससे भी करेगा बेमिसाल करेगा....!!


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08 February 2017

How to read WhatsApp messages WITHOUT Your Friends Knowing

Hello Friends ,नमः शिवाय

दोस्तों मैं आपको ये बताया हूँ की कैसे आप whatsapp के message भी पढ़ ले और भेजने वाले को पता भी न चले की  आपने मैसेज पढ़ लिया है। और फिर  जब भी आपको time  मिले आप उसका जवाब दे दे।

(१) सबसे पहले अपने मोबाइल को switch off mode  पर कर देंगे।

(२)  फिर व्हाट्सएप्प को open  कर के message को पढ़  लेंगे।

(३) फिर flight mode को हटा देंगे।  इस तरह आप message भी पढ़ लेंगे और पता भी नही चलेगा भेजने वाले को की आपने message  पढ़ लिया है।

NOTE :-   whatsapp  के folder  को अच्छे से बंद करने के बाद ही flight mode को हटाएंगे। ....... वरना flight mode  हटते ही सामने वाला जान जायेगा so  be careful friends .

in english :-

({Go to Settings and enable Airplane Mode, or Flight Mode. Once enabled, open WhatsApp and read the message. Double click the home button and close the app while still in Airplane Mode. The ticks will remain grey until the app is opened and synced online again.)}

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thank u .....

01 February 2017

चार लोग

पूरी ज़िन्दगी हम इसी बात को
सोच कर गुजर देते है
कि चार लोग क्या कहेंगे ?
और अन्त में चार लोग बस
यही कहते है
राम नाम सत्य है !!

29 January 2017

How to Download Youtube Video On Mobile without any software



हैलो फ्रेंड्स, नमः शिवाय 

दोस्तों आज हम सीखेंगे की मोबाइल से हम youtube की किसी भी विडियो को बिना किसी सॉफ्टवेर के कैसे Download कर सकते है। 

Step 1: In your Browser, go to "https://www.youtube.com" and open the video that you want to download. ...

Step 2: Go to the address bar and add “ss” (without the quotes) before YouTube then press enter. ...

Step 3: Choose Your desired Format and quality.

Step 4: Now Click on " Download " and download your video.

तो आज का वीडियो आपको कैसा लगा दोस्तों, अगर आपको पसंद आए तो प्लीज Subscribe कीजिए और Share कीजिए। 



नमः शिवाय