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कल जब मैं मर जाऊँगा (#Aalokry)

कल जब मैं मर जाऊँगा। तब तुम मेरे लिए आंसू बहाआगे  पर मुझे पता नही चलेगा तो  उसके बजाय  आज तुम मेरी इम्पॉर्टन्टस को महसूस क...

10 October 2015

अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजने का निर्णय ले लिया

माँ के निधन के पश्चात इकलौते बेटे ने पत्नी के कहने में आ कर अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजने का निर्णय ले लिया।
 पिता की समस्त भौतिक वस्तुएं समेट वो एक ईसाई पादरी द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में पिता को ले आया ।

काउंटर पर बैठी क्लर्क ने बहुत से विकल्प दिए  टेलीविज़न  एसी शाकाहारी मांसाहारी इत्यादि ।
पिता ने सादे एक वक़्त के शाकाहारी भोजन को छोड़ सब के लिए मना कर दिया ।
पुत्र पिता का सामान कार से निकालने बाहर गया । तभी पत्नी ने फ़ोन किया
ये पता लगाने के लिए कि सब कुछ ठीक से निपटा या नहीं ।
और इस बात के लिए पति को ज़ोर देकर आगाह किया की उसके पिता को अब त्यौहारों पर भी घर आने की ज़रुरत नहीं ।

क्रिस्चियन पादरी बाहर आये पिता को देख उनकी और बढ़ गये । और उनके दोनों कन्धों पर हाथ रख कर बात करने लगे ।
इस दौरान पिता हिम्मत से मुस्कुराते रहे ।

बेटे को बड़ा आश्चर्य हुआ । उसने तुरंत निकट पहुंचकर पादरी से पूछा कि वो  पूर्व परिचित हैं क्या??
 जो इतनी बेतकल्लुफी से बात कर रहे हैं ?
पादरी ने गीली आँखें पोछते हुए बेटे को देखा और कहा हाँ ! बहुत ही अच्छे से ।
आपके पिता 30 साल पहले यहां आये थे और  अपने साथ एक अनाथ बच्चे को ले गए थे  गोद लेने के लिए !!!!!

बेटा अवाक था ।।।

03 October 2015

यह बात कभी मत भूलना.....

कॉलेज में Happy married life पर

एक  workshop हो रही थी,
 जिसमे कुछ शादीशुदा
 जोडे हिस्सा ले रहे थे।
जिस समय प्रोफेसर  मंच पर आए
उन्होने नोट किया कि सभी
पति- पत्नी शादी पर
जोक कर  हँस रहे थे...
ये देख कर प्रोफेसर ने कहा
 कि चलो पहले  एक Game खेलते है...
उसके बाद  अपने विषय पर बातें करेंगे।
सभी  खुश हो गए
और कहा कोनसा Game ?
प्रोफ़ेसर ने एक married
 लड़की को खड़ा किया
और कहा कि तुम ब्लेक बोर्ड पे
 ऐसे 25- 30 लोगों के  नाम लिखो
जो तुम्हे सबसे अधिक प्यारे हों
लड़की ने पहले तो अपने परिवार के
लोगो के नाम लिखे
फिर अपने सगे सम्बन्धी,
 दोस्तों,पडोसी और
सहकर्मियों के नाम लिख दिए...
अब प्रोफ़ेसर ने उसमे से
कोई भी कम पसंद वाले
5 नाम मिटाने को कहा...
 लड़की ने अपने
सह कर्मियों के नाम मिटा दिए..
 प्रोफ़ेसर ने और 5 नाम मिटाने को कहा...
लड़की ने थोडा सोच कर
अपने पड़ोसियो के नाम मिटा दिए...
अब प्रोफ़ेसर ने
और 10 नाम मिटाने को कहा...
लड़की ने अपने सगे सम्बन्धी
 और दोस्तों के नाम मिटा दिए...
अब बोर्ड पर सिर्फ 4 नाम बचे थे
 जो उसके मम्मी- पापा,
पति और बच्चे का नाम था..
 अब प्रोफ़ेसर ने कहा इसमें से
 और 2 नाम मिटा दो...
लड़की असमंजस में पड गयी
 बहुत सोचने के बाद
बहुत दुखी होते हुए उसने
अपने मम्मी- पापा का
नाम मिटा दिया...
सभी लोग स्तब्ध और शांत थे
 क्योकि वो जानते थे
कि ये गेम सिर्फ वो
लड़की ही नहीं खेल रही थी
 उनके दिमाग में भी
यही सब चल रहा था।
अब सिर्फ 2 ही नाम बचे थे...
 पति और बेटे का...
 प्रोफ़ेसर ने कहा
और एक नाम मिटा दो...
लड़की अब सहमी सी रह गयी...
बहुत सोचने के बाद रोते हुए
 अपने बेटे का नाम काट दिया...
प्रोफ़ेसर ने  उस लड़की से कहा
 तुम अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओ...
और सभी की तरफ गौर से देखा...
और पूछा-
क्या कोई बता सकता है
कि ऐसा क्यों हुआ कि सिर्फ
 पति का ही नाम
बोर्ड पर रह गया।
कोई जवाब नहीं दे पाया...
सभी मुँह लटका कर बैठे थे...
प्रोफ़ेसर ने फिर
उस लड़की को खड़ा किया
और कहा...
ऐसा क्यों !
जिसने तुम्हे जन्म दिया
और पाल पोस कर
इतना बड़ा किया
उनका नाम तुमने मिटा दिया...
 और तो और तुमने अपनी
 कोख से जिस बच्चे को जन्म दिया
उसका भी नाम तुमने मिटा दिया ?
लड़की ने जवाब दिया.......
 कि अब मम्मी- पापा बूढ़े हो चुके हैं,
कुछ साल के बाद वो मुझे
और इस दुनिया को छोड़ के
चले जायेंगे ......
मेरा बेटा जब बड़ा हो जायेगा
तो जरूरी नहीं कि वो
शादी के बाद मेरे साथ ही रहे।
लेकिन मेरे पति जब तक मेरी
 जान में जान है
 तब तक मेरा आधा शरीर बनके
 मेरा साथ निभायेंगे
इस लिए मेरे लिए
सबसे अजीज मेरे पति हैं..
प्रोफ़ेसर और बाकी स्टूडेंट ने
 तालियों की गूंज से
लड़की को सलामी दी...
प्रोफ़ेसर ने कहा
तुमने बिलकुल सही कहा
 कि तुम और सभी के बिना
रह सकती हो
पर अपने आधे अंग अर्थात
 अपने पति के बिना नहीं रह सकती l
मजाक मस्ती तक तो ठीक है
पर हर इंसान का
अपना जीवन साथी ही
उसको सब  से ज्यादा
अजीज होता है...
यह बात कभी मत भूलना.....

11 April 2015

कल रात मैंने एक "सपना" देखा.!!

कल रात मैंने एक "सपना" देखा.!!
सपने में 
शिमला घूमने गए.!!
शिमला की रंगीन
वादियों में कुदरती नजारा
देख रहे थे.!!
जैसे ही  Car
Sunset Point की ओर
निकली..... अचानक गाडी के Breakफेल हो गए और 
करीबन 1500 फिट गहरी
खाई में जा गिरे.!!

मेरी  on the spot Death हो गई.!!

जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे इसलिये यमराज मुझे
स्वर्ग में ले गये.!!
देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर
मेरा स्वागत किया.!! मेरे हाथ में Bag देखकर पूछने लगे
इसमें क्या है.?

मैंने कहा इसमें मेरे जीवन भर
की कमाई है, पांच करोड़ रूपये हैं ।
 इन्द्र ने SVG
6767934 नम्बर के Locker की ओर इशारा करते हुए
कहा-
आपकी अमानत इसमें रख
दीजिये.!!
मैंने Bag रख दी.!!

मुझे एक Room भी दिया.!!
मैं Fresh होकर Market में
निकला.!! देवलोक के Shopping मॉल
मे अदभूत वस्तुएं देखकर मेरा मन ललचा गया.!!
मैंने कुछ चीजें पसन्द करके
Basket में डाली, और काउंटर
पर जाकर उन्हें हजार हजार के
करारे नोटें देने लगा.!!
Manager ने नोटों को देखकर
कहा यह करेंसी यहाँ नहीं चलती.!!
यह सुनकर मैं हैरान रह गया.!!
मैंने इंद्र के पास Complaint की इंद्र ने मुस्कुराते हुए
कहा कि
आप व्यापारी होकर इतना भी
नहीं जानते? कि आपकी करेंसी
बाजु के मुल्क पाकिस्तान, श्रीलंका और बांगलादेश में भी
नही चलती.?
और आप मृत्यूलोक की करेंसी
स्वर्गलोक में चलाने की मूर्खता
कर रहे हो.!! यह सब सुनकर मुझे मानो साँप सूंघ गया.!!
मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर
रोने लगा.!! और परमात्मा से
दरखास्त करने लगा, हे भगवान् ये क्या हो गया.? मैंने
कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया.?
दिन नही देखा, रात नही देखा, पैसा कमाया.!! माँ बाप
की सेवा नही की, पैसा कमाया
बच्चों की परवरीश नही की,
पैसा कमाया.!! पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नही
दिया, पैसा कमाया.!!
रिश्तेदार, भाईबन्द, परिवार और
यार दोस्तों से भी किसी तरह की
हमदर्दी न रखते हुए पैसा
कमाया.!!
जीवन भर हाय पैसा
हाय पैसा किया.!!
ना चैन से सोया, ना चैन से खाया.... बस, जिंदगी भर पैसा
कमाया.!
और यह सब व्यर्थ गया....
हाय राम, अब क्या होगा....
इंद्र ने कहा,-
रोने से कुछ हासिल होने वाला
नहीं है.!! जिन जिन लोगो ने यहाँ जितना भी पैसा
लाया, सब रद्दी हो गया।
जमशेद जी टाटा के 55 हजार करोड़ रूपये, बिरला जी के
47 हजार करोड़ रूपये, धीरू भाई
अम्बानी के 29 हजार करोड़
अमेरिकन डॉलर.... सबका पैसा यहां पड़ा है.!!
मैंने इंद्र से पूछा-
फिर यहां पर कौनसी करेंसी
चलती है.??
इंद्र ने कहा-
धरती पर अगर कुछ अच्छे कर्म
किये है. जैसे किसी दुखियारे को
मदद की, किसी रोते हुए को
हसाया, किसी गरीब बच्ची की
शादी कर दी, किसी अनाथ बच्चे को पढ़ा लिखा कर
काबिल बनाया.!! किसी को व्यसनमुक्त किया.!! किसी
अपंग स्कुल, वृद्धाश्रम या मंदिरों में दान धर्म किया....
ऐसे पूण्य कर्म करने वालों को
यहाँ पर एक Credit Card
मिलता है....
और उसे वापर कर आप यहाँ
स्वर्गीय सुख का उपभोग ले
सकते है.!!
मैंने कहा भगवन, मुझे यह पता
नहीं था. इसलिए मैंने अपना जीवन व्यर्थ गँवा दिया.!!
हे प्रभु, मुझे थोडा आयुष्य दीजिये... और मैं गिड़गिड़ाने
लगा.!! इंद्र को मुझ पर दया आ गई.!!
इंद्र ने तथास्तु कहा और मेरी नींद खुल गयी...
मैं जाग गया....
अब मैं वो दौलत कमाऊँगा
जो वहाँ चलेगी.....

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जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं, और दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं

कितनी अजीब बात है की -- जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं, और दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है। अरे "बॉडी" लेकर आइये, "बॉडी" को उठाइये, "बॉडी" को सूलाइये ऐसे शब्दो से आपको पूकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते , जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी। इसीलिए "निर्मिती" को नही "निर्माता" को प्रभावित करने के लिये जीवन जियो। जीवन मे आने वाले हर चूनौती को स्वीकार करे।...... अपनी पसंद की चिजो के लिये खर्चा किजिये।...... इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।.... आप कितना भी बूरा नाचते हो , फिर भी नाचिये।...... उस खूशी को महसूस किजिये।...... फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।...... बिलकुल छोटे बच्चे बन जायिये। क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है। लॉस तो वो है के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चूकी है।..... हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है ।

22 February 2015

अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी पावरफुल है तो वो कभी निगेटिव नहीं सोचता !



” अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी पावरफुल है तो वो कभी 

निगेटिव नहीं सोचता !”.............................

जैसे ही आपके मन में विचार आये … “दुनिया बहुत बुरी है ” तो आप इतना कह कर या सोच कर रुके नहीं … तुरंत realize करें कि आपने एक negative sentence बोला है और देर -सबेर ये आपको नुक्सान पहुंचा सकता है , इसलिए तुरंत alert हो जाएं और sentence को कुछ ऐसे पूरा करें
” दुनिया बहुत बुरी है… लेकिन अब चीजें बदल रही हैं , बहुत से अच्छे लोग समाज में अच्छाई का बीज बो रहे हैं और सब ठीक हो रहा है “
कुछ और examples देखते हैं :
“मैं पढ़ने में कमजोर हूँ… लेकिन अब मैंने मेहनत शुरू कर दी है और जल्द ही मैं पढ़ाई में भी अच्छा हो जाऊँगा .”
“मेरा boss बहुत #%$% है … पर धीरे -धीरे वो बदल रहे हैं और उनको knowledge भी बहुत है ,मुझे काफी कुछ सीखने को मिलता है उनसे …”
“मेरे पास पैसे नहीं हैं … लेकिन मुझे पता है मेरे पास बहुत पैसा आने वाला है , इतना कि न मैं सिर्फ अपने बल्कि अपने अपनों के भी सपने पूरे कर सकूँ। “
मेरे साथ हमेशा बुरा होता है … लेकिन मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से सब अच्छा अच्छा ही हो रहा है, और आगे भी होगा ….”
फ्रेंड्स, यहाँ सबसे important बात है ये realize करना कि कब आपके मन में एक Negative thought आई है और तुरंत alert हो कर इसे “लेकिन ” लगा कर positive में convert कर देना. और ये आपको सिर्फ तब नहीं करना जब आप किसी के सामने बात कर रहे हों … सबसे अधिक तो आपको ये अकेले रहते हुए अपने साथ करना है … आपको अपनी सोच पर ध्यान देना है … aware रहना है कि आपकि thoughts positive हैं या negative और जैसे ही negative thought आये आपको तुरंत उसे positive में mould कर देना है .
और एक चीज आप इस बात की चिंता ना करें की आपने ‘लेकिन‘ के बाद जो लाइन जोड़ी है वो सही है या गलत , आपको तो बस एक सकारात्मक वाक्य जोड़ना है , और आपका subconscious mind उसे ही सही मानेगा और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में वैसे ही अनुभव प्रस्तुत करेगा !
ये तो आसान लग रहा है !!
हो सकता है ये आपको बड़ा simple लगे , कुछ लोगों के लिए वाकई में हो भी , पर maximum लोगों के लिए thoughts को control करना और उनके प्रति aware रहना चैलेंजिंग होता है , इसलिए अगर आप इस तरीके को practice करते वक़्त कई बार negative thoughts को miss भी कर जाते हैं तो no need to worry… जैसे तमाम चीजों को practice से सही किया जा सकता है वैसे ही thoughts को भी practice से positive बनाया जा सकता है .........................
जैसा कि Maths में होता है negative और negative जब multiply होते हैं तो positive हो जाते हैं , ठीक वैसे ही हम इन शब्दों का प्रयोग negative sentences के अंत में करके उन्हें positive में convert कर सकते हैं.............@

वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो......Thoughts become reality…

वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो......
Thoughts become reality…
जब आप restaurant में खाने जाते हैं तो waiter से क्या कहते हैं ? “ मुझे एक कढाई पनीर , 2 garlic नान , और एक fried rice नहीं चाहिए ….” या फिर ,” मेरे लिए एक lime soda मत लाना ”
क्या आप ऐसे order देते हैं … कि मुझे ये -ये चीजें नहीं चाहियें . या ये बताते हैं कि आपको क्या -क्या चाहिए ??
Of course , हर कोई यही कहता है कि उसे क्या चाहिए , ये नहीं कि उसे क्या नहीं चाहिए … now suppose अगर हम waiter से कहते कि क्या नहीं चाहिए तो क्या वो हमारे मन की चीज ला कर दे पाता , क्या वो हमारे “नहीं चाहिए ” से ये interpret कर पाता कि हमें “ क्या चाहिए ”…नहीं कर पाता यही बात हमारी life में भी लागू होती है …ये ब्रह्माण्ड एक ऐसी अद्भुत जगह है जहाँ हमारी हर एक इच्छा पूरी हो सकती है.
कैसे ?
हमारी सोच से !
ये दरअसल एक law है जो किसी भी mathematical law की तरह perfect है , हम इसे law of attraction कहते हैं … इस बारे में मैं पहले भी बात कर चुका हूँ , इसलिए यहाँ मैं उन बातों को नहीं दोहराऊंगा …, बस आप इतना समझिये और मन में बैठा लीजिये कि आपकी सोच ही आपकी दुनिया का निर्माण करती है .
पर ऐसा है तो हर कोई वो क्यों नहीं पा लेता जो वो चाहता है ?
मुझे इसके दो basic reasons दिखते हैं :
हर कोई इस बात को लेकर clear नहीं है कि वो दरअसल चाहता क्या है।
और जिन्हें clear है वे इस बारे में प्रबलता से सोचते नहीं .
अगर आप पहले point पर ही अटकें हैं तो सबसे पहले इस बात की clarity लाइए कि आप चाहते क्या हैं ?एक बार जब आप इसे लेकर clear हो चुके हैं कि आप क्या चाहते हैं तो फिर बारी आती है उसे ब्रह्माण्ड से order करने की .
ब्रह्माण्ड से कैसे order कर सकते हैं ?
ब्रह्माण्ड से order करना बहुत आसान है …यहाँ हमारा order हमारी
सोच के through होता है …हम जो सोचते हैं उसे हमारा order मान लिया जाता है .
और यहीं हम order देने में वो गलती कर बैठते हैं जिसे हम restaurant में करने की सोच भी नहीं सकते !!
हम वो order नहीं करते जो हमें चाहिए बल्कि वो करते हैं जो नहीं चाहिए . बस यहाँ इतना सा अंतर है कि restaurant में waiter समझ जाता था कि जो नहीं चाहिए वो मत दो ….पर ब्रह्माण्ड इतना विशाल और शक्तिमान है कि वो बिना दिए नहीं रहता …उसे तो कुछ न कुछ देना है …इसलिए ब्रह्माण्ड “नहीं ” नहीं समझता।
जब आप लगातार सोचते रहते हैं कि “ कहीं पैसे कम ना पड़ जाएं “ तो दरअसल ब्रह्माण्ड को एक order दे रहे होते हैं जिसे वो इस तरह सुनता है ,” ये आदमी चाहता है की इसके पास पैसे कम पड़ जाएं ” और आपके जीवन में उसे हकीकत के रूप में ले आता है …आप पैसों की और भी कमी महसूस करने लगते हैं .
Friends, दरअसल हम images के through सोचते हैं . और ब्रह्माण्ड ये मान कर चलता है की जो इमेज हम देख या सोच रहे हैं वही हम अपनी लाइफ में चाहते हैं , और उसे वो हमारे लाइफ की reality बना देता है .
तो जब आप “ पैसे कम ना पड़ जाएं “ सोचते हैं तो …दिमाग में पैसे कम होने की इमेज बनती है …और इससे related feeling अन्दर पैदा होती हैं …..य़े सब इतनी तेजी से होता है कि may be आप इसे notice ना कर पाएं पर हमारा ये विचार ब्रह्माण्ड तुरंत catch कर लेता है और उसी के हिसाब से हमारी हकीकत बनाने में जुट जाता है .
Ok, तो आप ये तो समझ चुके होंगे कि आपको “पैसों की कमी ” वाली thought नहीं सोचनी चाहिए ,
क्योंकि ये तो वो चीज है जो आप नहीं चाहते हैं …आप तो इसका उल्टा चाहते हैं …” मेरे पास खूब पैसे हों ..”
Right…तो फिर आप इसे सोचिये …इसे हकीकत मान कर चलिए और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में इसे सच कर देगा .........