वो सोचो जो चाहते हो वो नहीं जो नहीं चाहते हो
इंसानी दिमाग हर वक़्त सोचता रहता है …इसे control करना बहुत मुश्किल होता है …शायद इसीलिए हमारे ऋषि -मुनियों ने ध्यान लगाने की विधि बनायीं होगी ताकि हम सोच की infinite power को खुद नियंत्रित कर सकें .
पर हम उस तरह ध्यान नहीं लगा सकते … तो फिर हम क्या कर सकते हैं ?
मैं क्या करता हूँ वो आपको बताता हूँ . पहली बात , मुझे जो चाहिए मैं उसे अच्छी तरह से imagine करता हूँ … छोटी -छोटी details तक . ये कुछ भी हो सकता है , growth ( जो मैंने ये तरीका follow करते हुए पायी है ), अच्छी relationships, या financial abundance.
अब ये thought लगातार बनी रहे इसलिए मैं इसे दिन भर में कई बार अपने मन में दोहराता हूँ …उससे related visual images इमेजिन करता हूँ …अच्छा feel करने की कोशिश करता हूँ …ऐसा नही कि मैं दिन भर यही करते रहता हूँ …ये randomly होता है , कभी भी …office जाते वक़्त , lunch करते हुए …या किसी और time, पर मैं दिन में कई बार मुझे जो चाहिए उस बारे में सोचता हूँ .पर इसका ये मतलब नहीं है कि मुझे जो नहीं चाहिए वो विचार मेरे अंदर आते ही नहीं …कई बार आते हैं …लेकिन जैसे ही मैं conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मुझे चाहिए तो मैं उसे वहीँ छोड़ उसका उल्टा सोचने लगता हूँ .
और ऐसा मैं हर तरह की thoughts के साथ करता हूँ . Primarily मुझे जो चाहिए वो दो -तीन चीजें ही हैं लेकिन उनके अलावा भी मैं कोशिश करता हूँ कि हर एक condition में मैं वही सोचूं जो मैं चाहता हूँ … for ex. अगर कहीं पहुँचने में देर हो रही होती है तो दिमाग में आता है कि कहीं traffic जाम ना मिले , जिससे मिलना है वो चला ना जाए …etc….पर जैसे ही मैं conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मैं चाहता हूँ तो मैं ठीक उल्टा सोचना शुरू करता हूँ … traffic बिल्कुल smooth है…हर कोई मुझे रास्ता दे रहा है …और जिससे मिलना है वो मुझे ख़ुशी के साथ welcome कर रहा है ….
Of course, ज़रूरी नहीं है कि ऐसा हो ….पर ऐसा करने से आप एक बहुत अच्छी आदत develop कर पाते हैं …. वो सोचना जो आप चाहते हैं ……वो नहीं जो आप नहीं चाहते हैं .
Well, ये conscious हो कर सोचने वाली प्रक्रिया बहुत powerful है पर foolproof नहीं है …क्योंकि हो सकता है आप बुरे विचारों में इतने उलझे हों कि ध्यान ही न जाये कि जो चाहते हैं वो सोचें . इसलिए मैं तीन ऐसी चीजें करता हूँ जो काम कर जाएं .
पहला है- अपनी Success Diary लिखना …again , इसके बारे में मैं बता चुका हूँ , so I won’t repeat. In short…आप जो चाहते हैं उसे रोज या week मैं 3-4 बार ज़रूर लिखें .
दूसरा , दिन में दो -तीन बार ऐसा मौका मिलता है जब आप निश्चित रूप से अकेले होते हैं …fresh होते वक़्त , नहाते हुए …या office जाते समय . आप इन situations को अपनी life priorities के बारे में सोचने के लिए dedicate कर सकते हैं .
For ex : जब मैं fresh हो रहा होता हूँ तो मैं अपने financial abundance के बारे में सोचता हूँ . Scooty से office जाते वक़्त मैं भगवान् को वो सब कुछ जो उन्होंने दिया है उसके लिए thanks करता हूँ …. हाँ , मैं कई बार इसमें चूक भी जाता हूँ …पर धीरे -धीरे ये मेरी आदत बन रही है …और मैं अपनी life में changes भी महसूस कर रहा हूँ . Friends, अपनी thoughts को किसी physical activity से जोड़ना सुनिश्चित करता है कि at least उस वक़्त आप वो सोच पाते हैं जो आपको सोचना चाहिए .
तीसरा , Vision Folder देखना . Vision folder दरअसल कुछ ऐसी images का collection है जिसे मैं अपनी life में चाहता हूँ …for ex: my dream SUV, money, my home office, etc.
इस folder को मैं अपने desktop पर save करके रखता हूँ और जब इसपर ध्यान जाता है तो थोड़ी देर खोल कर देख लेता हूँ . जैसा कि मैं पिछली post में कह चुका हूँ , हम images के through सोचते हैं , इसलिए vision folder बनाना अपनी मन चाही चीज पाने का एक powerful तरीका है , आप इसे ज़रूर try करें .
चलिए , अब हम कुछ common thoughts देखते हैं और ये भी देखते हैं कि उनकी जगह हमें क्या सोचना चाहिए —
नहीं चाहते |
चाहते हैं
|
Teacher / Boss गुस्सा करेगा . | Teacher / Boss गुस्सा नहीं करेगा —- ये भी गलत thought है …इसमें “गुस्से ” की image बनती है …. “Teacher/Boss आज मेरी प्रशंशा करेगा .” सही विचार है। |
मैं रोज late हो जाता हूँ. | मैं अब time से पहुँचने लगा हूँ . |
मुझे पैसों की तंगी रहती है . | मेरे पास बहुत पैसा है . |
कहीं मैं fail न हो जाऊं ? | मेरे अच्छे marks आयेंगे . |
Xyz मुझे नहीं चाहता /चाहती. | Xyz मुझे बहुत चाहता /चाहती है . |
मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती। | मैं बिलकुल fit रहता हूँ। |
मुझे लोग पसंद नहीं करते . | मैं सबका favourite हूँ . |
मुझे हमेश बुरे लोग मिलते हैं। | मुझे हमेशा अच्छे लोग मिलते हैं . |
Friends, अंत में एक बात और …. ब्रह्माण्ड बहुत बड़ा है …जब आप order करते हैं तो दूर कहीं उन चीजों का निर्माण शुरू होता है…छोटी चीजें जल्दी बन जाती हैं … बड़ी चीजें बनने में थोडा वक़्त लगता है …जब कोई चीज बन जाती है तो उसे आपको deliver करने के लिए भेजा जाता है ,पर अगर बीच में ही आप अपना order cancel कर देते हैं तो वो चीज वापस चली जाती है …. ये कोई बुरी बात नहीं है , इसका फायदा ये है कि आप अपने बुरे orders cancel कर सकते हैं और अपनी choice के fresh orders दे सकते हैं . पर अगर आप already अच्छे orders दे चुके हैं तो उन्हें बुरे orders से replace मत करिये …अपने order पर टिके रहिये …उस पर अपना belief बनाये रखिये , अगर आप ये सोचेंगे कि पता नहीं आर्डर आएगा कि नहीं तो अनजाने में आप एक नया “ना आने का ऑडर्र दे देंगे ” इसलिए अपनी belief बनाये रखिये और यकीन जानिये आपकी delivery भी एक दिन आप तक पहुँच जायेगी …यही नियम है !