Featured Post

कल जब मैं मर जाऊँगा (#Aalokry)

कल जब मैं मर जाऊँगा। तब तुम मेरे लिए आंसू बहाआगे  पर मुझे पता नही चलेगा तो  उसके बजाय  आज तुम मेरी इम्पॉर्टन्टस को महसूस क...

29 March 2013



असफल होने के लिए आगे ना बढें !


Don't Succeed To Fail
Don’t Succeed To Fail
असफल होने  से  मेरा  मतलब  है  की  आप  वो  नहीं  कर  पाते  हैं  जो  आप  करना  चाहते  हैं . For e.g अपना  कोई  business start करना  चाहते  हैं , एक successful  actor, chef , choreographer, fashion designer, social activist  , या  फिर  कुछ  और  बनना  चाहते  हैं ; लेकिन बन नहीं पाते.
और  आगे बढ़ने  से  मेरा  मतलब  है  आप  society की  नज़रों  में grow करते   जाते  हैं …. आप  अच्छी  designation पर पहुँच  जाते  हैं , अपने  लिए  गाड़ी -बंगला  खरीद  लेते  हैं  और  ऐसी  ही अन्य  materialistic चीजें  जुटा  लेते  हैं .
Friends, हममें से  बहुत  से  लोग  किसी  न  किसी  सपने  के  साथ  जीते  हैं  की  हम  आगे  चल  कर  कुछ  बड़ा  करेंगे , कुछ  महान  करेंगे ,  पर  किसी  न  किसी  वजह  से  उन  dreams को  postpone करते  जाते  हैं  और  life जिस  flow में  चल  रही  है  उसी  flow में  आगे  बढ़ते  चले  जाते  हैं ….हम  पढाई  पूरी  करते  हैं , किसी  नौकरी  या  business में  लग  जाते  हैं , चाहे  वो  हमारे  मन  का  हो  या  नहीं ….और  फिर  उसी  में  grow करने  लगते  हैं ….पैसे  कमाने  लगते  हैं , और  जब पैसे  आते  हैं  तो  हम  उन्हें  सही  जगह  invest करने  के  बारे  में  सोचने  लगते  हैं ; as a result कुछ  ही  सालों  में  हमारे  पास  ऐशो  आराम  की  ढेर  सारी चीजें  हो  जाती  हैं . कुछ  हमने  down payment पे  ली  होती  हैं  तो  कुछ  EMI पर . ज़िन्दगी  यूँही  चलती  जाती  है  पर  जब  आप  थोडा  settle हो  जाते  हैं  तो  आप अपनी  life में  एक  void एक  खालीपन  महसूस  करने  लगते  हैं …सब  कुछ  होते  हुए  भी  आप  satisfy नहीं  हो  पाते  और  एक  बार  फिर  आपको  लगता  है  की  अपने  दिल  की  सुनी  जाये …अपने  सपनो  का पीछा किया  जाए ;….इतने  दिनों  तक  ignore करने  के  बाद  भी  वो  सपने  मरते  नहीं   क्योंकि  उसका  बीज  आपके  भीतर  ही  कहीं  होता  है , और जब उसे आपका attention मिलता है तो वो फिर से पनपने लगता है ! और आप  एक  बार  फिर  उन  सपनो  को  पूरा  करने  के  लिए  बेचैन हो जाते हैं …ideas  सोचते  हैं , प्लान  बनाते  हैं ..पर  in most of the cases ये  plans ये  ideas धरे  के धरे  रह  जाते  हैं …
ऐसा क्यों होता है ?
क्योंकि  आपकी  risk taking capacity बहुत  कम  हो  चुकी  होती  है ….अब  आप  एक  अलग  standard of living or life style के  आदि  हो  चुके  होते  हैं , आपकी  liabilities बढ़  चुकी  होती  हैं , आप  अपनी  job छोड़ने  या  अपना  business change करने  का  खतरा  नहीं  उठा  पाते  , आप  खुद  को  ऐसी  जगह  पाते  हैं  जहाँ  एक  महीने  भी  खाली  बैठना  impossible लगता  है !! और  यही  आपका  FAILURE बन  जाता  है . अब  आपको  अनचाहे  मन  से  उसी  काम  में  खुद  को  लगाए  रखना  पड़ता  है  जो  आपको  पैसे  तो  देता  है  पर  संतोष  नहीं  दे  पाता और ज्यादातर  cases में न पर्याप्त पैसे दे पाता है और ना ही संतोष.  .
तो  क्या  करना  चाहिए ?
यदि  आप  अभी  तक  इस  तरह  की  condition में  नहीं  फंसे  हैं  तो  आप  इन  बातों  को  ध्यान  में  रखिये :
1)      उस  काम  में  grow करने  की  कोशिश  न  करें  जिसे  आप  दिल  से  like नहीं  करते .  और  भले  ही  हम  अपना  passion ना  जान  पाएं  पर  ये  जानना  आसान  होता  है  की  हम  क्या  like नहीं  करते . इसलिए  ऐसे  काम  में  succeed होना  जिसे  आप  like  ही  नहीं  करते  बेकार  है . For e.g आप  किसी  sales  and marketing job में  हैं  और  ये  काम  आपको  पसंद  नहीं है तो  आप  इस  job में  promotion पाने  के  लिए  काम  मत  करिए , बस  job चलाने  के  लिए  काम  करिए . ये थोडा मुश्किल है , पर आपको ये करना होगा , क्योंकि  जो  काम  आपको  पसंद  नहीं  उससे  पैसा  कामाने  की आदत  डालना  आपको  असफल  कर  सकता है .
2)      जब  तक  आप  अपने  मन  का  काम  नही  पा  जाते  तब  तक  कुछ  ऐसा  करने  की  कोशिश  कीजिये  जो  आपको  अधिक   से  अधिक  free time दे  सके . और  इस  free time को  आप  अपने  goals achieve करने  में  लगाइए .
3)      अपनी  liabilities को  limited रखिये , ख़ास  तौर  से  कोई  ऐसा  loan मत  लीजिये  जिसकी  EMI भरने  के  लिए  आपको  अपने  काम  में  लगे  रहना  मजबूरी  बन  जाए . ऐसे  loans लेना  तभी  ठीक  होगा  जब  पैसा  आपके  मन  के  काम  से  आ  रहा  हो .
4)      अपने  real interest और  liking को  explore करते  रहिये , और  जहाँ  तक  हो  सके  उस  दिशा  में  कुछ  steps लेने  की  कोशिश  कीजिये . भले  ये  steps बहुत  ही  छोटे  क्यों  न  हों , पर  इतना  निश्चित  है  की  हर एक  step आपको आपकी  मंजिल  के  करीब  ले  जायेगा .
क्या  करें  अगर  already ऐसी  condition में  पहुँच  चुके  हों ?
It means अब  आपके  लिए  आपकी  जॉब  या  जो  काम  आप  कर  रहे  हैं वो  करना  मजबूरी  बन  चुकी  हो , क्योंकि  इसको  छोड़ने  का  मतलब  एक  निश्चित  financial crisis है .  ऐसे  में  क्या  करना  चाहिए ???  Frankly telling, मुझे  नहीं  पता  की  ऐसे  में  क्या  किया  जा  सकता  है ….बताने  को  तो  मैं  कई  चीजें  लिख  सकता  हूँ , पर  मेरी  हमेशा  यही  कोशिश  होती  है  की  मैं  ऐसे  ideas share करूँ  जो  practical हों , जिन्हें आप सचमुच  apply कर  सकें .  हाँ , एक  approach शायद  कुछ  cases में  काम  कर जाये ….आप  जो  करना  चाहते  हैं  उसे  Virtually करिए .
Of course इसकी  limits हैं  और  हर  काम  इस  तरह  से  नहीं  किया  जा  सकता , पर  in case आपका  goal  इस तरह से achieve किया  जा  सकता  है  तो  आप  try कर  सकते  हैं .
Virtually करने  का  मतलब ?
It means, आप  internet का  use  करते  हुए  अपने  मन  का  काम  करिए .  इसके  लिए  आपको  अपने  interest से  related website / blog बनाना  या  बनवाना  होगा.
( To get a Ready To Publish professional blog at a very competitive rate please contactChandan Pande , Email: makemyweblog@gmail.com )
For instance, अगर  आप  एक  Chef बनना  चाहते  हैं  और  अभी  किसी  IT जॉब  में  फंसे  हुए   हैं  तो  आप  एक  Food blog बनाइये  और  उसपे तरह – तरह  की  recipe और  कुकिंग-टिप्स  post करिए . अगर  आप  अपनी  Travel Company शुरू  करना  चाहते  हैं  तो  travel related blog बनाइये …and  so on.
इससे  क्या  फायदा होगा ?
  • आप  घर  बैठे  अपने  interest से  related field में  कुछ  progress कर  पायेंगे . और  चूँकि  इस  काम  को  आप  कहीं  भी  और  कभी  भी  कर  सकते  हैं  इसलिए  इसके चलते रहने और आगे बढ़ने  के  chances कहीं  अधिक  हैं .
  • आपकी  us  field में  knowledge बेहतर  होती  जाएगी . और  अगर  कभी  future में  आप  physically ऐसा करना  चाहेंगे  तो  ये  knowledge बहुत  काम आयेगी .
  • लगातार  blog पर  काम  करने  से  आपको  कई  लोग  जानेंगे  और  हो  सकता  है  यहीं  से  कोई  opportunity निकल  आये  जो  आपको  आपके  interest से  related एक  well-paying opportunity दिला  सके .
  • आपका  blog आपको  एक  alternate source of income भी  दे  सकता  है  जो  ultimately आपकी  liabilities को  कम  करने  में  मददगार  होगा .
 Friends, मैं  lucky हूँ  की  समय  रहते  मेरे अन्दर ये समझ आ गयी कि  अपने दिल का काम find  करने से पहले materialistically  expand करना बेवकूफी है ; आप भी  जब  तक  उस  काम  से  पैसा  नहीं  कमाने  लगते  जिसको  लेकर  आप  passionate हैं तब तक  खुद  को expand करने से रोकिये. George Burns  ने कहा भी है कि  जिस  चीज  को  आप  चाहते  हैं  उसमे  असफल  होना  जिस  चीज  से  आप  नफरत  करते  हैं  उसमे  सफल  होने  से  बेहतर  है .
आप  चाहे  जैसी  condition में  हों …surrender मत  कीजिये ….अपने  लक्ष्य  को  पाने  के  लिए  लड़ते  रहिये … boxing match की  तरह  ज़िन्दगी  के  खेल  में  भी  हारता  वो नहीं  जो  गिर  जाता  है  , हारता  वो  है  जो  उठने  से  इनकार  कर  देता  है …आप  भी  चाहे  जितनी  बार  गिरें  हार  मत  मानिए  , उठिए  और तमाम मुश्किलों के बावजूद  अपना  लक्ष्य  प्राप्त  कीजिये .
All the best!

26 March 2013

साधु की सीख

साधु की सीख


साधु की सीख
किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी ,तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , और जब वो नाचने लगता तो बारिस ज़रूर होती.
कुछ दिनों बाद चार लड़के शहर से गाँव में घूमने आये, जब उन्हें यह बात मालूम हुई की किसी साधू के नाचने से बारिस होती है तो उन्हें यकीन नहीं हुआ .
शहरी पढाई लिखाई के घमंड में उन्होंने गाँव वालों को चुनौती दे दी कि हम भी नाचेंगे तो बारिस होगी और अगर हमारे नाचने से नहीं हुई तो उस साधु के नाचने से भी नहीं होगी.फिर क्या था अगले दिन सुबह-सुबह ही गाँव वाले उन लड़कों को लेकर साधु की कुटिया पर पहुंचे.
साधु को सारी बात बताई गयी , फिर लड़कों ने नाचना शुरू किया , आधे घंटे बीते और पहला लड़का थक कर बैठ गया पर बादल नहीं दिखे , कुछ देर में दूसरे ने भी यही किया और एक घंटा बीतते-बीतते बाकी दोनों लड़के भी थक कर बैठ गए, पर बारिश नहीं हुई.
अब साधु की बारी थी , उसने नाचना शुरू किया, एक घंटा बीता, बारिश नहीं हुई, साधु नाचता रहा …दो घंटा बीता बारिश नहीं हुई….पर साधु तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था ,धीरे-धीरे शाम ढलने लगी कि तभी बादलों की गड़गडाहत सुनाई दी और ज़ोरों की बारिश होने लगी . लड़के दंग रह गए
और तुरंत साधु से क्षमा मांगी और पूछा-
” बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिस नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी ?”
साधु ने उत्तर दिया – ” जब मैं नाचता हूँ तो दो बातों का ध्यान रखता हूँ , पहली बात मैं ये सोचता हूँ कि अगर मैं नाचूँगा तो बारिस को होना ही पड़ेगा और दूसरी ये कि मैं तब तक नाचूँगा जब तक कि बारिस न हो जाये .”..........

The Power of Kundalni

कुंडलिनी शक्ति.....


मनुष्य शरीर स्थित कुंडलिनी शक्ति में जो चक्र स्थित होते हैं उनकी संख्या सात बताई गई है। इन चक्रों के विषय में अत्यंत महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारी यहां दी गई है। यह जानकारी शास्त्रीय, प्रामाणिक एवं तथ्यात्मक है-

(1) मूलाधार चक्र - गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला 'आधार चक्र' है । आधार चक्र का ही एक दूसरा नाम मूलाधार चक्र भी है। वहाँ वीरता और आनन्द भाव का निवास है

(2) स्वाधिष्ठान चक्र - इसके बाद स्वाधिष्ठान चक्र लिंग मूल में है । उसकी छ: पंखुरियाँ हैं । इसके जाग्रत होने पर क्रूरता,गर्व, आलस्य, प्रमाद, अवज्ञा, अविश्वास आदि दुर्गणों का नाश होता है

(3) मणिपूर चक्र -
नाभि में दस दल वाला मणिचूर चक्र है । यह प्रसुप्त पड़ा रहे तो तृष्णा, ईष्र्या, चुगली, लज्जा, भय, घृणा, मोह, आदि कषाय-कल्मष मन में लड़ जमाये पड़े रहते हैं

(4) अनाहत चक्र -
हृदय स्थान में अनाहत चक्र है । यह बारह पंखरियों वाला है । यह सोता रहे तो लिप्सा, कपट, तोड़ -फोड़, कुतर्क, चिन्ता, मोह, दम्भ, अविवेक अहंकार से भरा रहेगा । जागरण होने पर यह सब दुर्गुण हट जायेंगे ।

(5) विशुद्धख्य चक्र -
कण्ठ में विशुद्धख्य चक्र यह सरस्वती का स्थान है । यह सोलह पंखुरियों वाला है। यहाँ सोलह कलाएँ सोलह विभूतियाँ विद्यमान है

(6) आज्ञाचक्र - भू्रमध्य में आज्ञा चक्र है, यहाँ '?' उद्गीय, हूँ, फट, विषद, स्वधा स्वहा, सप्त स्वर आदि का निवास है । इस आज्ञा चक्र का जागरण होने से यह सभी शक्तियाँ जाग पड़ती हैं

(7) सहस्रार चक्र - सहस्रार की स्थिति मस्तिष्क के मध्य भाग में है । शरीर संरचना में इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथियों से सम्बन्ध रैटिकुलर एक्टिवेटिंग सिस्टम का अस्तित्व है । वहाँ से जैवीय विद्युत का स्वयंभू प्रवाह उभरता है

कुण्डलिनी जागरण: विधि और विज्ञान::
कुंडलिनी जागरण का अर्थ है मनुष्य को प्राप्त महानशक्ति को जाग्रत करना। यह शक्ति सभी मनुष्यों में सुप्त पड़ी रहती है। कुण्डली शक्ति उस ऊर्जा का नाम है जो हर मनुष्य में जन्मजात पायी जाती है। यह शक्ति बिना किसी भेदभाव के हर मनुष्य को प्राप्त है। इसे जगाने के लिए प्रयास या साधना करनी पड़ती है। जिस प्रकार एक नन्हें से बीज में वृक्ष बनने की शक्ति या क्षमता होती है। ठीक इसी प्रकार मनुष्य में महान बनने की, सर्वसमर्थ बनने की एवं शक्तिशाली बनने की क्षमता होती है। कुंडली जागरण के लिए साधक को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्तर पर साधना या प्रयास पुरुषार्थ करना पड़ता है। जप, तप, व्रत-उपवास, पूजा-पाठ, योग आदि के माध्यम से साधक अपनी शारीरिक एवं मानसिक, अशुद्धियों, कमियों और बुराइयों को दूर कर सोई पड़ी शक्तियों को जगाता है। अत: हम कह सकते हैं कि विभिन्न उपायों से अपनी अज्ञात, गुप्त एवं सोई पड़ी शक्तियों का जागरण ही कुंडली जागरण है। योग और अध्यात्म की भाषा में इस कुंडलीनी शक्ति का निवास रीढ़ की हड्डी के समानांतर स्थित छ: चक्रों में माना गया है। कुण्डलिनी की शक्ति के मूल तक पहुंचने के मार्ग में छ: फाटक है अथवा कह सकते हैं कि छ: ताले लगे हुए है। यह फाटक या ताले खोलकर ही कोई जीव उन शक्ति केंद्रों तक पहुंच सकता है। इन छ: अवरोधों को आध्यात्मिक भाषा में षट्-चक्र कहते हैं। ये चक्र क्रमश: इस प्रकार है: मूलधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्धाख्य चक्र, आज्ञाचक्र। साधक क्रमश: एक-एक चक्र को जाग्रत करते हुए। अंतिम तक पहुंचता है।..................

25 March 2013


एक अमीर आदमी था. उसने समुद्र मेँ अकेले घुमने के लिए एक नाव बनवाई.

छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्रकी सेर करने निकला. आधे समुद्र तक पहुचा ही था कि अचानक
एक जोरदार तुफान आया. उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जेकेट की मदद से
समुद्र मेँ कुद गया. जब तुफान शांत हुआ तब वह तेरता तेरता एक टापु पर पहुचा लेकिन वहाभी कोई नही था.
टापु के चारो और समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था. उस आदमी ने सोचा कि अब पुरी जिदंगी मेँ
किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे साथ ऐसा क्यु हुआ..? उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत सेबचाया तो आगे
का रास्ता भी भगवान ही बताएगा. धीरे धीरे वह वहा पर उगे झाड-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा.
अब धीरे-धीरे उसकी श्रध्दा टुटने लगी भगवान पर से उसका विश्वास उठ गया. उसको लगा कि इस दुनिया मेँ भगवान है
हि नही.! फिर उसने सोचा कि अब पुरी जिंदगी यही इस टापु पर बितानी है तो क्यु ना एक झोपडी बना लु..?
फिर उसने झाड कि डालियो और पत्तो से एक छोटी सी झोपडी बनाई. उसको लगा कि, हाश, आज से झोपडी मेँ सोने
को मिलेगा आज से बाहर नही सोना पडेगा.रात हुई
ही थी कि अचानक मौसम बदला बिजलीया जोर जोर से गिडगिराने लगी.! तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर आ
गिरी और झोपडी धधकते हुए जलने लगी. यह देखकर वह आदमी टुट गया आसमान की तरफ देखकर बोला तु भगवान नही , राक्षस है,
तुजमे दया जैसा कुछ है ही नही तु बहुत क्रुर है. हताश होकर सर पर हाथ रखकर रो रहा था. कि अचानक एक नाव टापु के पास आई.
नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आये. और बोले कि, हम तुमे बचाने आये है, तुम्हारा जलता हुआ झोपडा देखा तो लगा कि कोई
उस टापु पर मुसीबत मेँ है.! अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते तो हमे पता नही चलता कि टापु पर कोई है! उस आदमी कि आँखो से आँसु
गिरने लगे. उसने ईश्वर से माफी माँगी और बोलाकि मुझे क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए मेरी झोपडी जलाई थी !

22 March 2013



ONE REQUEST........

CHALO FRIENDS..... INKE CHEHRE PR SMILE LAYE.........................

kyo na Ek din ki pocket money in k liye bhi nikale hum log mai soch rha tha HOLI aa gai hai kyo na hum log apne aas pass k un sbhi bachho ko pichkari aur rang gift kare jo pichkari & rang nhi kharid sakte hai. inki madad karke dekho dil ko bahut sukoon milega...................... namah shivay.....







21 March 2013


मित्रो आप इन नियमो का पालण पूरी ईमानदारी से अपनी ज़िंदगी मे करे !!ये नियमो का पालण न करने से ही बीमारियाँ ज़िंदगी मे आती हैं !!

____________________________________
सुबह उठते ही सबसे पहले हल्का गर्म पानी पिये !! 2 से 3 गिलास जो रोज पिये !
पानी हमेशा बैठ कर पिये !
पानी हमेशा घूट घूट करके पिये !!

घूट घूट कर इसलिए पीना है ! ताकि सुबह की जो मुंह की लार है इसमे ओषधिए गुण
बहुत है ! ये लार पेट मे जानी चाहिए ! वो तभी संभव है जब आप पानी बिलकुल घूट
घूट कर मुंह मे घूमा कर पिएंगे !

इसके बाद दूसरा काम पेट साफ करने का है ! रोज पानी पीकर सुबह शोचालय जरूर जाये
!पेट का सही ढंग से साफ न होना 108 बीमारियो की जड़ है !

खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है !
हमेशा डेड घंटे बाद ही पानी पीएं !

खाना खाने के बाद अगर कुछ पी सकते हैं उसमे तीन चीजे आती हैं !!

1) जूस
2) छाज (लस्सी) या दहीं !
3) दूध

सुबह खाने के बाद अगर कुछ पीना है तो हमेशा जूस पिये !
दोपहर को दहीं खाये ! या लस्सी पिये !
और दूध हमेशा रात को पिये !!

इन तीनों के क्रम को कभी उल्टा पुलटा न करे !!


इसके इलावा खाने के तेल मे भूल कर भी refine oil का प्रयोग मत करे !
अभी के अभी घर से निकाल दें ! सरसों के तेल का प्रयोग करे ! या देशी गाय के
दूध का शुद्ध घी खाएं ! ! (पतंजलि का सरसों का तेल एक दम शुद्ध है !(शुद्ध
सरसों के तेल की पहचान है मुंह पर लगाते ही एक दम जलेगा ! और खाना बनाते समय
आंखो मे हल्की जलन होगी !


चीनी का प्रयोग तुरंत बंद कर दीजिये ! गुड खाना का प्रयोग करे ! या शक्कर खाये
!!

खाने बनाने मे हमेशा सेंधा नमक या काला नमक का ही प्रयोग करे !! आयोडिन युक्त
नमक कभी न खाएं !!


सुबह का भोजन सूर्य उद्य ! होने के 2 से 3 घंटे तक कर लीजिये ! (अगर 7 बजे
आपके शहर मे सूर्य निकलता है ! तो 9 या 10 बजे तक सुबह का भोजन कर लीजिये ! इस
दौरान जठर अग्नि सबसे तेज होती है ! सुबह का खाना हमेशा भर पेट खाएं ! सुबह के
खाने मे पेट से ज्यादा मन संतुष्टि होना जरूरी है ! इसलिए अपनी मनपसंद वस्तु
सुबह खाएं !!

खाना खाने के तुरंत बाद ठीक 20 मिनट के लिए बायीं लेट जाएँ और अगर शरीर मे
आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मिनट आराम करे ! लेकिन इससे ज्यादा नहीं !

इसी प्रकार दोपहर को खाना खाने के तुरंत बाद ठीक 20 मिनट के लिए बायीं लेट
जाएँ और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मिनट आराम करे ! लेकिन इससे
ज्यादा नहीं !

रात को खाना खाने के तुरंत बाद नहीं सोना ! रात को खाना खाने के बाद बाहर सैर
करने जाएँ ! कम से कम 500 कदम सैर करे ! और रात को खाना खाने के कम स कम 2
घंटे बाद ही सोएँ !

ब्रह्मचारी है (विवाह के बंधन मे नहीं बंधे ) तो हमेशा सिर पूर्व दिशा की और
करके सोएँ ! ब्रह्मचारी नहीं है तो हमेशा सिर दक्षिण की तरफ करके सोएँ ! उत्तर
और पश्चिम की तरफ कभी सिर मत करके सोएँ !

मैदे से बनी चीजे पीज़ा ,बर्गर ,hotdog,पूलड़ोग , आदि न खाएं ! ये सब मेदे को
सड़ा कर बनती है !! कब्ज का बहुत बड़ा कारण है !!


इन सब नियमो का अगर पूरी ईमानदारी से प्रयोग करेंगे ! 1 से 2 महीने मे ऐसा
लगेगा पूरी जिंदगी बदल गई है ! मोटापा है तो कम हो जाएगा ! hihgh
BP,cholesterol,triglycerides,सब level पर आना शुरू हो जाएगा ! HDL बढ्ने
लगेगा ! LDL ,VL DL कम होने लगेगा !! और भी बहुत से बदलाव आप देखेंगे !!

must must click here !
https://www.youtube.com/watch?v=dbtuhIvQ6E4

वन्देमातरम !

For your good Health...........................



20 March 2013





पूरी post नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करे !!
http://www.youtube.com/watch?v=C8NbDw4QGVM&feature=plcp

दोस्तो अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनिया जो दवाइया भारत मे बेच रही है ! वो अमेरिका मे 20 -20 साल से बंद है ! आपको जो अमेरिका की सबसे खतरनाक दवा दी जा रही है ! वो आज कल दिल के रोगी (heart patient) को सबसे दी जा रही है !! भगवान करे कि आपको कभी जिंदगी मे heart attack आए !लेकिन अगर गया तो आप जाएँगे डाक्टर के पास !

और आपको मालूम ही है एक angioplasty आपरेशन आपका होता है ! angioplasty आपरेशन मे डाक्टर दिल की नली मे एक spring डालते हैं ! उसको stent कहते हैं ! और ये stent अमेरिका से आता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डालर का है ! और यहाँ लाकर वो 3 से 5 लाख रुपए मे बेचते है और ऐसे लूटते हैं आपको !

और एक बार attack मे एक stent डालेंगे ! दूसरी बार दूसरा डालेंगे ! डाक्टर को commission है इसलिए वे बार बार कहता हैं angioplasty करवाओ angioplasty करवाओ !! इस लिए कभी मत करवाए !

तो फिर आप बोलेंगे हम क्या करे ????!

आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे बहुत बहुत ही सरल है ! पहले आप एक बात जान ली जिये ! angioplasty आपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता !! क्यूंकि डाक्टर जो spring दिल की नली मे डालता है !! वो spring बिलकुल pen के spring की तरह होता है ! और कुछ दिन बाद उस spring की दोनों side आगे और पीछे फिर blockage जमा होनी शुरू हो जाएगी ! और फिर दूसरा attack आता है ! और डाक्टर आपको फिर कहता है ! angioplasty आपरेशन करवाओ ! और इस तरह आपके लाखो रूपये लूटता है और आपकी ज़िंदगी इसी मे निकाल जाती है ! ! !

अब पढ़िये इसका आयुर्वेदिक इलाज !!
______________________
हमारे देश भारत मे 3000 साल एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे उनका नाम था महाऋषि वागवट जी !! 
उन्होने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!! और इस पुस्तक मे उन्होने ने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे ! ये उनमे से ही एक सूत्र है !!

वागवट जी लिखते है कि कभी भी हरद्य को घात हो रहा है ! मतलब दिल की नलियो मे blockage होना शुरू हो रहा है ! तो इसका मतलब है कि रकत (blood) मे acidity(अमलता ) बढ़ी हुई है ! 

अमलता आप समझते है ! जिसको अँग्रेजी मे कहते है acidity !!

अमलता दो तरह की होती है ! 
एक होती है पेट कि अमलता ! और एक होती है रक्त (blood) की अमलता !! 
आपके पेट मे अमलता जब बढ़ती है ! तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है !! खट्टी खट्टी डकार रही है ! मुंह से पानी निकाल रहा है ! और अगर ये अमलता (acidity)और बढ़ जाये ! तो hyperacidity होगी ! और यही पेट की अमलता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त मे आती है तो रक्त अमलता(blood acidity) होती !! 

और जब blood मे acidity बढ़ती है तो ये अमलीय रकत (blood) दिल की नलियो मे से निकल नहीं पाता ! और नलिया मे blockage कर देता है ! तभी heart attack होता है !! इसके बिना heart attack नहीं होता !! और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं ! क्यूंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!

इलाज क्या है ?? 
वागबट जी लिखते है कि जब रकत (blood) मे अमलता (acidty) बढ़ गई है ! तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो छारीय है ! 

आप जानते है दो तरह की चीजे होती है ! 

अमलीय और छारीय !! 
(acid and alkaline )

अब अमल और छार को मिला दो तो क्या होता है ! ?????
((acid and alkaline
को मिला दो तो क्या होता है )?????

neutral
होता है सब जानते है !!
_____________________
तो वागबट जी लिखते है ! कि रक्त कि अमलता बढ़ी हुई है तो छारीय(alkaline) चीजे खाओ ! तो रकत की अमलता (acidity) neutral हो जाएगी !!! और रक्त मे अमलता neutral हो गई ! तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं !! ये है सारी कहानी !!

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो छारीय है और हम खाये ?????

आपके रसोई घर मे सुबह से शाम तक ऐसी बहुत सी चीजे है जो छारीय है ! जिनहे आप खाये तो कभी heart attack आए ! और अगर गया है ! तो दुबारा आए !!
_________________

सबसे ज्यादा आपके घर मे छारीय चीज है वह है लोकी !! जिसे दुदी भी कहते है !! english मे इसे कहते है bottle gourd !!! जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है ! इससे ज्यादा कोई छारीय चीज ही नहीं है ! तो आप रोज लोकी का रस निकाल-निकाल कर पियो !! या कच्ची लोकी खायो !!

स्वामी रामदेव जी को आपने कई बार कहते सुना होगा लोकी का जूस पीयों- लोकी का जूस पीयों !
3
लाख से ज्यादा लोगो को उन्होने ठीक कर दिया लोकी का जूस पिला पिला कर !! और उसमे हजारो डाक्टर है ! जिनको खुद heart attack होने वाला था !! वो वहाँ जाते है लोकी का रस पी पी कर आते है !! 3 महीने 4 महीने लोकी का रस पीकर वापिस आते है आकर फिर clinic पर बैठ जाते है ! 

वो बताते नहीं हम कहाँ गए थे ! वो कहते है हम न्योर्क गए थे हम जर्मनी गए थे आपरेशन करवाने ! वो राम देव जी के यहाँ गए थे ! और 3 महीने लोकी का रस पीकर आए है ! आकर फिर clinic मे आपरेशन करने लग गए है ! और वो इतने हरामखोर है आपको नहीं बताते कि आप भी लोकी का रस पियो !!

तो मित्रो जो ये रामदेव जी बताते है वे भी वागवट जी के आधार पर ही बताते है !! वागवतट जी कहते है रकत की अमलता कम करने की सबे ज्यादा ताकत लोकी मे ही है ! तो आप लोकी के रस का सेवन करे !!

कितना करे ?????????
रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो !!

कब पिये ??
सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते है !!
या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते है !!
_______________

इस लोकी के रस को आप और ज्यादा छारीय बना सकते है ! इसमे 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लो 
तुलसी बहुत छारीय है !! इसके साथ आप पुदीने से 7 से 10 पत्ते मिला सकते है ! पुदीना बहुत छारीय है ! इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ! ये भी बहुत छारीय है !! 
लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले ! वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी डाले !! ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है !!!!

तो मित्रो आप इस लोकी के जूस का सेवन जरूर करे !! 2 से 3 महीने आपकी सारी heart की blockage ठीक कर देगा !! 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा !!!
कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी !! घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा !! और आपका अनमोल शरीर और लाखो रुपए आपरेशन के बच जाएँगे !!
और पैसे बच जाये ! तो किसी गौशाला मे दान कर दे ! डाक्टर को देने से अच्छा है !किसी गौशाला दान दे !! हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा !!